दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने साल 2010 में धौला कुआं से अपहरण और फिर पीड़िता के साथ गैंगरेप के मामले में फैसला 14 अक्टूबर तक टाल दिया है. एडिशनल सेशन जज वीरेंद्र भट्ट ने यह कहते हुए फैसला टाल दिया कि अभी आदेश तैयार नहीं हुआ है.
इस मामले में शमशाद उर्फ खुटकन, उस्मान उर्फ काले, साहिद उर्फ छोटा बिल्ली, इकबाल उर्फ बड़ा बिल्ली और कमरुद्दीन ने दक्षिणी दिल्ली के धौला कुआं इलाके से कॉल सेंटर में काम करने वाली 30 वर्षीय लड़की का अपहरण कर उसके साथ कथित रूप से गैंगरेप करने का आरोप है.
पुलिस के मुताबिक, पूर्वोत्तर की रहने वाली इस लड़की का पांच लोगों ने 24 नवंबर, 2010 को तब अपहरण कर लिया था, जब वह शिफ्ट खत्म करने के बाद अपनी एक मित्र के साथ घर लौट रही थी. अपहर्ता उसे मंगोलपुरी इलाके में ले गए, जहां उसके साथ सभी ने मिलकर रेप किया और फिर उसे एक सुनसान सड़क पर अकेला छोड़कर वे फरार हो गए.
इसके बाद, पांचों आरोपियों को हरियाणा के मेवात से गिरफ्तार किया गया. उन्होंने दावा किया था कि वे निर्दोष हैं और उन्हें इस मामले में फंसाया गया है.
पांचों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी के तहत गैंगरेप, धमकी देने और अपहरण का मुकदमा चलाया गया. इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी कॉल सेंटरों को एक आदेश जारी किया था कि वे महिलाकर्मियों को सुरक्षा देते हुए सुरक्षित घर तक छोड़ें.
IANS से इनपुट के साथ