दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा के मामले में पुलिस को दीप सिद्धू की तलाश थी. पुलिस की यह तलाश पूरी हो चूकी है. पुलिस ने बीते सोमवार को सिद्धू को गिरफ्तार कर लिया. किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा वाले दिन से ही सिद्धू फरार चल रहा था. हालांकि इस दौरान वह सोशल मीडिया पर सक्रिय नजर आया और उसके अकाउंट से कई पोस्ट शेयर किया गए थे. सिद्धू पर पुलिस ने इनाम भी रखा था. पुलिस की गिरफ्त से बाहर रहने के पीछे की एक वजह यह भी थी कि वह लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था.
सूत्रों के मुताबिक सिद्धू अपने फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहा था. ऐसा वो पुलिस को गुमराह करने के लिए कर रह था. पुलिस की जांच में पता चला है कि वह ऑफलाइन अपने वीडियो रिकॉर्ड करता था और फिर अपने दोस्त को फेसबुक पर अपलोड करने के लिए भेज देता था. कहा जा रहा है कि सिद्धू के कुछ वीडियो अमेरिका के कैलिफोर्निया से अपलोड किए गए हैं.
सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने जब सिद्धू को गिरफ्तार किया तो उस समय वह अकेला था और किसी का इंतजार कर रहा था. ऐसे में सवाल यह है कि वह किसका इंतजार कर रहा था? क्या वह किसी ऐसे के इंतजार में था जो उसे बिहार के पूर्णिया पहुंचने में मदद करता? दिल्ली पुलिस को इन सवालों के जवाब तलाशने हैं. दीप सिद्धू 27 जनवरी से फरार चल रहा था. किसान संगठनों ने उसे गद्दार करार दिया था इसके बाद से पुलिस सिद्धू की तलाश में थी.सूत्रों का कहना है कि वह पहले हरियाणा गया और फिर पंजाब. वह पुलिस से बचने के लिए अपनी लोकेशन लगातार बदल रहा था.
पुलिस ने फिलहाल इस बात की जानकारी नहीं दी है कि सिद्धू को कैसे ट्रैक किया गया लेकिन इंडिया टुडे को सूत्रों ने बताया कि सिद्धू लगातार अपने दोस्तों और शुभचिंतकों के साथ सोशल मीडिया के जरिए संपर्क में था. सूत्रों के मुताबिक सिद्धू भले ही अपने फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहा था लेकिन उसने कई परिचित लोगों के फोन का इस्तेमाल अपने वीडियो अपलोड करने के लिए किए थे. पुलिस उन लोगों की भी तलाश कर रही है जिन लोगों ने सिद्धू को छिपने के लिए जगह दी थी.
3 फरवरी के बाद से सिद्धू ने नहीं यूज किया था फेसबुक
दीप सिद्धू ने 3 फरवरी के बाद से फेसबुक पर अपनी वीडियो अपलोड करनी बंद कर दी थी. तीन फरवरी को सिद्धू आखिरी बार फेसबुक पर लाइव हुआ था. उसने वीडियो में कहा था कि लाल किले पर हिंसा नहीं हुई थी. बैरिकेड तोड़ने से हिंसा नहीं भड़की थी, मैंने स्थिति को काबू करने की कोशिश की थी. वीडियो में नजर आ रहा था कि यह वीडियो भी वहीं शूट किया गया था जहां 27 फरवरी को सिद्धू ने वीडियो शूट किया था. इससे यह पता चला कि सिद्धू गांव के इलाके में छिपा हुआ है.
दीप ने 2 फरवरी को वीडियो जारी कर दावा किया था कि कांग्रेस के एक नेता ने उससे मिलने की बात कही थी लेकिन उसने इनकार कर दिया था. इसके अलावा उसने यह भी दावा किया था कि आम आदमी पार्टी के नेता भी उससे मिलना चाहते थे. 2 फरवरी को दीप सिद्धू ने प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फ़ॉर जस्टिस (एसएफजे) के कुछ वीडियो साझा किए थे जिसमें गणतंत्र दिवस की हिंसा और 'खालिस्तानी' ध्वज फहराने को लेकर उसकी तारीफ की थी.