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अब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक सीधे पहुंचेगी मेट्रो, स्काई वॉक भी बनकर तैयार, नहीं करना होगा सड़क का इस्तेमाल

242 मीटर लंबा ये स्काई वॉक बेहद खूबसूरत है. डीएमआरसी और नॉर्दन रेलवे मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे. कोविड के चलते कई बार इसका काम रोकना भी पड़ा लेकिन अब ये पूरी तरह से तैयार है.

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Delhi Metro
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • प्रोजेक्ट पर काम कर रहे DMRC और नॉर्दन रेलवे
  • 242 मीटर लंबा है स्काई वॉक

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से अब नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने के लिए यात्रियों को स्टेशन से बाहर नहीं आना पड़ेगा. यात्रियों की सुविधा के लिए दोनों स्थानों को जोड़ने वाला एक नया स्काई वॉक बनकर तैयार हो गया है. शानिवार सुबह 10 बजे से इस स्काई वॉक को पब्लिक के लिए खोल दिया जाएगा.

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दिखने में बेहद खूबसूरत ये स्काई वॉक 242 मीटर लंबा है. यात्रियों की सुविधा के लिए डीएमआरसी और नॉर्दन रेलवे मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे. कोविड के चलते कई बार इसका काम रोकना भी पड़ा लेकिन अब ये पूरी तरह से तैयार है.

इसलिए है खास

ये स्काई वॉक 242 मीटर लंबा है. इसके जरिए रेलवे स्टेशन को सीधे मेट्रो स्टेशन से जोड़ा गया है. नई दिल्ली के अजमेरी गेट की तरफ से आप इस स्काई वाक का इस्तेमाल कर सकते हैं. स्काई वाक के जरिए अब यात्री सीधे मेट्रो की येलो लाइन पहुंच जाएंगे. एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन से भी ये डायरेक्ट कनेक्ट होगा.

मेट्रो से कनेक्टिविटी के अलावा इस स्काई वाक की सबसे खास बात ये भी होगी कि इससे रेलवे स्टेशन के बाहर ट्रैफिक जाम से बहुत राहत मिलेगी. फिलहाल जो लोग ट्रेन का सफर करके आते हैं उन्हें मेट्रो तक पहुंचने के लिए सड़क का इस्तेमाल करना होता है. बड़ी संख्या में यात्रियों के सड़क के इस्तेमाल से रेलवे स्टेशन के आस पास ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती थी.

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इस स्काई वॉक के इस्तेमाल के लिए एस्क्लेटर भी बनाया गया है. यात्रियों की सुरक्षा के लिए पूरे स्काई वॉक को सीसीटीवी कैमरा से कवर किया गया है. DMRC के अधिकारी बताते हैं कि इस स्काई वॉक को बनाना आसान नहीं था. इसके निर्माण में बहुत सारी चुनौती थीं, जैसे स्काई वॉक बनाने की जगह हैवी ट्रैफिक हमेशा रहता था.

इसके अलावा इसे मेट्रो स्टेशन के ठीक ऊपर बनाया जाना था. इसके अलावा मेट्रो स्टेशन की बिल्डिंग और रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग से इस स्काई वॉक को जोड़ना आसान नहीं था क्योंकि रेलवे स्टेशन के चलते ऐसा कोई तरीका अपनाया नहीं जा सकता था जिससे यात्रियों को असुविधा हो.

 

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