भारत के सीमा सुरक्षा बल (BSF) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के बीच 55वां डायरेक्टर जनरल लेवल बॉर्डर को-ऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस गुरुवार को दिल्ली में हुआ. इस कॉन्फ्रेंस में पड़ोसी देश में भारतीय नागरिकों पर हमले के मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बन पाई. BGB ने इस आरोप को खारिज कर दिया.
बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल दिलजीत सिंह चौधरी ने कहा, "5 अगस्त के बाद से दोनों पक्षों की सेनाओं को किसी भी तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए सक्रिय रूप से तैनात किया गया है. घुसपैठ में काफी कमी आई है और यह बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश की बहुत सक्रिय मदद से किया जा रहा है और पूरे संकट काल में BGB हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही और सीमा पर शांति बनाए रखने में हमारी मदद की."
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों से जुड़े सवाल पर BGB के डायरेक्टर जनरल मेजर जनरल मोहम्मद अशरफ़ुज़्ज़मान ने कहा, "अल्पसंख्यकों पर हमले की बात मीडिया में बढ़ा-चढ़ाकर कही जा रही है. अल्पसंख्यकों पर इस तरह के हमले नहीं हुए हैं. हाल ही में आयोजित दुर्गा पूजा सबसे शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित की गई पूजाओं में से एक थी. बांग्लादेश सरकार ने कानून लागू करने वाली एजेंसियों को यह काम सौंपा था कि हिंदू समुदाय त्योहार मनाएं."
'BSF जवानों पर कभी हमला नहीं किया गया...'
बॉर्डर पर बाड़ लगाने के बारे में BGB द्वारा उठाई गई आपत्तियों के बारे में पूछे गए सवाल पर डायरेक्टर जनरल ने कहा, "हमने मुद्दों पर चर्चा की है, हम आपसी सहमति के आधार पर काम करेंगे."
बांग्लादेश की सीमा पर 150 गज के अंदर अवैध निर्माण पर उन्होंने कहा कि BGBl द्वारा सहायता प्राप्त स्थायी निर्माण तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है. दोनों पक्षों की सहमति से कुछ विकास कार्य हो रहे हैं. कभी-कभी कुछ संवादहीनता के कारण हम चर्चा के बाद इसे सुलझा लेते हैं. BGB ने कभी भी BSF जवानों पर हमला नहीं किया. यहां तक कि बीजीबी द्वारा पकड़े गए भारतीय नागरिकों पर भी हमला नहीं किया गया, न ही उनके साथ मारपीट की गई और न ही उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया."
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'सीमा की पवित्रता बनाए रखना दोनों की जिम्मेदारी'
बीएसएफ महानिदेशक ने कहा कि सीमा की पवित्रता बनाए रखने की जिम्मेदारी BSF और BGB दोनों की है. हम बांग्लादेश की सीमा पर गैर-घातक रणनीति अपनाते हैं. कई बार रात के अंधेरे का फायदा उठाकर बदमाश बाड़ तोड़कर हमारे इलाके में घुसने की कोशिश करते हैं. आत्मरक्षा में हम अंतिम उपाय के तौर पर घातक बल का इस्तेमाल करते हैं. हमने BGB से गुजारिश की है कि वे सुनिश्चित करें कि बॉर्डर सुरक्षित रहे और कोई घुसपैठ न हो."
बॉर्डर पर बाड़ लगाने के बारे में BGB महानिदेशक ने कहा, "दोनों तरफ 150 गज की दूरी, जीरो लाइन को नो मैन्स लैंड माना जाता है. किसी भी पक्ष को दूसरे पक्ष से परामर्श किए बिना रक्षा संबंधी चिंताओं के साथ कोई स्थायी संरचना बनाने की अनुमति नहीं है. जब 150 गज के अंदर बाड़ लगाने की जरूरत होती है, तो कम्युनिकेश गैप होता है. हमने उन मामलों में आपत्ति जताई है, उम्मीद है कि भविष्य में जमीन पर उचित सर्वे के साथ समाधान हो जाएगा."
नदी जल पर चर्चा के बारे में BGB डीजी ने कहा, "हमने कुशियारा नदी के बारे में चर्चा की, हमने तीस्ता नदी में अचानक पानी छोड़े जाने के मुद्दे पर भी बात की. लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए पानी छोड़े जाने से पहले बांग्लादेश को बताया जाना चाहिए. तीस्ता नदी के जल का बंटवारा उचित स्तर पर किया जाएगा."