सेंट्रल और ईस्ट दिल्ली के करीब 13 लाख घरों में 8 से 10 घंटे बिजली गुल रह सकती है. निजी बिजली कंपनी बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल) ने अपने इलाके में रोजाना 24 घंटे बिजली सप्लाई करने से मना कर दिया है. कंपनी ने रुपयों की कमी को इसकी वजह बताया है.
जिन जगहों पर बत्ती गुल रह सकती है, उनमें शामिल हैं, मयूर विहार फेज-1, मयूर विहार फेज-2, मयूर विहार फेज-3, सीलमपुर, लक्ष्मीनगर, प्रीत विहार, पटपड़गंज, शकरपुर, विवेक विहार, गीता कालोनी, शाहदरा और दिलशाद गार्डन.
कंपनी का कहना है कि उसके पास बिजली खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं, इसलिए उसे बिजली कटौती करनी पड़ेगी. इससे मेट्रो सेवा भी प्रभावित हो सकती है. गौरतलब है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार बिजली कंपनियों के ऑडिट पर अडिग है. यहीं से सरकार और कंपनियों के बीच खटास की शुरुआत हुई.
कंपनी ने बिजली विभाग को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह रुपयों की कमी से जूझ रही है, इसलिए वह बिजली बनाने वाली कंपनियों (एनटीपीसी, एनएचपीसी वगैरह) को भुगतान करने में अक्षम है. इस चिट्ठी के मुताबिक बीवाईपीएल पर करीब 1351 करोड़ रुपये बकाया हैं. कंपनी ने यह भी दावा किया है कि बैंकों ने भी उसकी मदद करने से इनकार कर दिया है. इस चिट्ठी की प्रतियां कुछ केंद्रीय मंत्रियों और उपराज्यपाल को भी भेजी गई हैं.
अगर ऐसा होता है तो इससे 60 लाख से ज्यादा लोगों को सीधे तौर पर इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है. सरकारी सूत्रों का कहना है कि कंपनी के इस कदम को सरकार का उसका ऑडिट कराने के आदेश का जवाब माना जा रहा है, जिसमें कंपनी सरकार पर दबाव की राजनीति बनाकर ऑडिट रुकवाने पर काम करने की योजना बना रही हैं.
अगर इस बिजली कटौती का असर मेट्रो सेवा पर पड़ा तो दिल्लीवासियों की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं.