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जर्जर इमारतें भूकंप को बुलावा दे रही हैं: दिल्ली हाई कोर्ट

नेपाल में आए भीषण भूकंप के बाद हर तरफ भय और अफरातफरी का माहौल है. सबके जहन में यही सवाल तैर रहा है कि आखिर भूकंप से निपटने के लिए कितने तैयार हैं हम. दिल्ली में एमसीडी भूकंप से लड़ने की तैयारियों में जुट भी गया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को ही कहा था कि जर्जर इमारतें भूकंप को बुलावा दे रही हैं. सरकार को तुरंत उनकी मरम्मत करानी चाहिए.

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नेपाल में आए भीषण भूकंप के बाद हर तरफ भय और अफरातफरी का माहौल है. सबके जहन में यही सवाल तैर रहा है कि आखिर भूकंप से निपटने के लिए कितने तैयार हैं हम. दिल्ली में एमसीडी भूकंप से लड़ने की तैयारियों में जुट भी गया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को ही कहा था कि जर्जर इमारतें भूकंप को बुलावा दे रही हैं. सरकार को तुरंत उनकी मरम्मत करानी चाहिए.

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नेपाल में मौतों के लगातार बढ़ते आंकड़ो के बीच एमसीडी ने भी इस बाबत अपनी तैयारी शुरू कर दी है. दिल्ली भूकंप के सिस्मिक जोन 4 में आती है. इसका मतलब है कि भूकंप के खतरे से दहलने का खतरा दिल्ली पर मंडरा रहा है. साउथ एमसीडी जल्द ही निगम के स्कूलों में भूकंप से निपटने के लिए मॉकड्रिल कराने जा रहा है ताकि छोटे-छोटे बच्चे भूकंप के समय आत्मरक्षा के गुर सीख सकें. मंगलवार को ही मेयर बने रवींद्र गुप्ता के मुताबिक पुराने और जर्जर इमारतों को चिन्हित कर उन्हें मजबूत बनाने की कोशिश की जाएगी.

दूसरी तरफ नॉर्थ एमसीडी भी जर्जर और पुरानी इमारतों को चिन्हित कर उनका पुनर्निर्माण कराएगी. इसके अलावा इसके अलावा दिल्ली सरकार भी अस्पतालों को पूरी तरह से भूकंपरोधी बनाने के लिए रेट्रोफीटिंग का सहारा लेने जा रही है. यही नहीं सभी सरकारी अस्पतालों को ये भी निर्देश दिए गए हैं कि इमरजेंसी में चार दिन का पानी इकठ्ठा करके रखा जाए. नेपाल में आए भीषण भूकंप के बाद दिल्ली तैयार तो दिख रही है लेकिन ये तैयारियां कही सिर्फ कागजों तक ही सीमित न रह जाए. गौरतलब है कि बुधवार को ही दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि पुरानी और जर्जर इमारतें भूकंप को निमंत्रण दे रही हैं. इनकी जल्द से जल्द मरम्मत की जानी चाहिए.

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