दिवाली की आतिशबाजी में दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर 10 से 20 गुना तक बढ़ गया है. रात पौने ग्यारह बजे द्वारका में PM 2.5 का स्तर 792 माइक्रोमीटर था, जो सामान्य से 13 गुना ज्यादा था. वहीं दिलशाद गार्डन में ये स्तर 1000 माइक्रोमीटर मिला, जो सामान्य से 17 गुना ज्यादा है.
पंजाबी बाग में हवा 15 गुना ज्यादा दूषित थी, वहीं आरके पुरम में प्रदूषण का स्तर रिकॉर्डतोड़ 42 गुना ज्यादा दर्ज किया गया. आतिशबाजी के प्रदूषण से मुंबई की सांसें भी उखड़ी, वडाला और मरीन ड्राइव इलाके में प्रदूषण का स्तर तय मानक से बढ़ा पाया गया. बंगलुरु में भी पटाखों के धुएं से परेशान लोग परेशान नजर आए.
प्रदूषण की वजह से पूरी दिल्ली-एनसीआर में कोहरे की चादर बिछ गई. केंद्र सरकार की संस्था SAFAR के मुताबिक दीवाली पर आतिशबाजी के बाद खतरनाक पर्टिकुलेट मैटर यानी पीएम 2.5 का स्तर 507 तक पहुंच गया, जबकि पीएम 10 का स्तर 511 तक था. अगर पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर 400 से ज्यादा होता है तो प्रदूषण का स्तर बेहद ही खतरनाक हो जाता है.
Delhi: Air quality at 500(Severe) around Lodhi Road today morning pic.twitter.com/wv3FUVG4fP
— ANI (@ANI_news) October 31, 2016
दिवाली पर दिल्ली में आग संबंधित 173 घटनाओं की रिपोर्ट
राष्ट्रीय राजधानी के दमकल विभाग को दिवाली के दिन मामूली आग लगने की 173 कॉल प्राप्त हुईं. आग की इन घटनाओं में तीन लोग जख्मी हुए है. दिल्ली दमकल सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमें रात 10 बजे तक 173 कॉल प्राप्त हुईं और उन सब पर प्रतिक्रिया दी गई. किसी घटना में बड़ा नुकसान या किसी के हताहत होने की रिपोर्ट नहीं है. इन में पटाखो से आग लगने की आठ घटनाएं शामिल हैं, जिनमें तीन लोग झुलस गए. उन्हें नजदीकी अस्पताल में दाखिल किया गया है.
अधिकारी ने कहा कि रात आठ बजे से दस बजे के बीच 40 कॉल आई और कोई बड़ी घटना या नुकसान की रिपोर्ट नहीं है. दिल्ली दमकल सेवा के निदेशक जीसी मिश्र ने कहा कि हमने आग से लड़ने वाले अपने अधिकतम उपकरणों को (आग लगने से संबंधित) स्थिति से निपटने के लिए सेवा में लगाया तथा 15,00 कर्मियों को किसी तरह की संभावना घटना से निपटने के लिए तैनात किया. दमकल के 59 स्थायी स्टेशन के अलावा दमकल विभाग ने समूचे शहर में 22 स्थानों पर अस्थायी स्टेशन स्थापित किए जहां से पिछले साल दिवाली के दिन सबसे ज्यादा कॉल प्राप्त हुई थीं.