कभी दिल्ली की जीवनरेखा रही यमुना नदी के ‘अच्छे दिन’ आने वाले हैं. दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने यमुना को उसकी पहचान वापस देकर एक बार फिर ‘नदी’ बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने यमुना नदी को स्वच्छ बनाने की ओर अपना पहला कदम उठाते हुए आज 59 किलोमीटर लंबी इंटरसेप्टर सीवर परियोजना का पहला चरण शुरू कर दिया. इससे यह सुनिश्चित होगा कि नदी में पानी छोड़ने वाले तीन प्रमुख नालों से शोधित अपशिष्ट (रिक्लेम्ड वेस्ट) ही निकले.
इंटरसेप्टर सीवर परियोजना से तीन प्रमुख नालों (नजफगढ़, अनुपूरक और शाहदरा) से शोधित वेस्ट निकलना शुरू हो जाएगा, जिससे यमुना नदी की जल गुणवत्ता में सुधार होगा. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को इंटरसेप्टर सीवर परियोजना के पहले चरण की शुरुआत की.
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी को साफ करने की ओर यह एक बहुत बड़ा कदम है. आज यमुना बहुत मैली है और हम यमुना को साफ करना चाहते हैं तथा इस संबंध में यह संयंत्र बहुत मददगार साबित होगा.’ नायडू ने दिल्ली में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘DJB ने जल एटीएम भी शुरू किये हैं, जहां नाममात्र का शुल्क लिया जाता है. लोग एक लीटर पानी 20 पैसे में खरीद सकते हैं.’
आयोजन स्थल पर मेट्रो से आये नायडू ने कहा, ‘इस संयंत्र से यमुना नदी को स्वच्छ बनाने का 60 फीसदी काम पूरा हो जाएगा और सरकार की बाकी हिस्से को भी स्वच्छ बनाने की योजना है. हमारी सरकार का गंगा के साथ ही यमुना को भी स्वच्छ बनाने का लक्ष्य है.’ केंद्रीय तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी इस मौके पर मौजूद थे. उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ पेयजल का अधिकार है और लोग DJB के जल एटीएम से नाममात्र की कीमत पर पेयजल ले सकते हैं.
प्रधान ने कहा, ‘मैं DJB को धन्यवाद देना चाहता हूं कि वह ऐसी प्रौद्योगिकी लेकर आया और लोगों को इस परियोजना से लाभ उठाना चाहिए.’ इंटरसेप्टर सीवर का पहला हिस्सा द्वारका स्थित पालम नाले से सीवर पप्पनकलां जलमल शोधन संयंत्र तक ले जाएगा.
DJB के अनुसार पहले हिस्से से छह से 10 एमजीडी वेस्ट का शोधन किया जाएगा और इस परियोजना के अगले वर्ष जून में पूरा हो जाने के बाद कुल 210 एमजीडी वेस्ट शोधित करने के लिए ले जाया जाएगा.
- इनपुट भाषा से