दिल्लीवासियों को अब मेट्रो में सफर करना महंगा पड़ सकता है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर सोमवार को इसी महत्वपूर्ण एजेंडा पर चर्चा के लिए मीटिंग करने वाले हैं. इस मीटिंग में मेट्रो का नया किराया तय करने के लिए बनी फेयर फिक्सेशन कमिटी की रिपोर्ट पर चर्चा होगी. फेयर फिक्सेशन कमिटी ने मेट्रो के किराए की दरें बढ़ाने की सिफारिश की है, जिसमें पूरी तरह नया स्लैब अपनाने की सलाह दी गई है.
हाई कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में ये कमिटी बनाई गई थी, जिसने पिछले कुछ महीनों में मेट्रो के ऑपरेशन से लेकर तमाम अन्य पहलुओं पर स्टडी करने के बाद नई दरें तय की हैं. सूत्रों के मुताबिक, मेट्रो की नई दरों में कमिटी ने अलग-अलग स्लैब में किराया सुझाया है.
दूरी के हिसाब से तय होगा किराया
इसके मुताबिक, मेट्रो के किराए की शुरुआत 10 रुपये से होगी और अधिकतम किराया 50 रुपये होगा. मेट्रो का किराया अब दूरी के हिसाब से 10, 15, 20, 30, 40 और 50 रुपये होगा. मौजूदा दरों के मुताबिक, मेट्रो का किराया न्यूनतम 8 रुपये और अधिकतम 30 रुपये है.
इससे पहले 2009 में बढ़ा था किराया
डीएमआरसी अधिकारियों के मुताबिक, मेट्रो का किराया इसके पहले साल 2009 में बढ़ाया गया था, जब यमुना बैंक से नोएडा सिटी सेंटर तक मेट्रो लाइन को बढ़ाया गया था. डीएमआरसी की दलील है कि इन सालो में न सिर्फ मेट्रो के संचालन की लागत बढ़ी है, बल्कि कई अन्य खर्चों में भी बढ़ोतरी हुई है.
बढ़ गए हैं मेट्रो के खर्चे
इसके अलावा नई दरें तय करते वक्त ये भी ध्यान रखा गया है कि आने वाले महीनों में मेट्रो की कई नई लाइनें भी शुरू हो रही हैं. तीसरा फेज पूरा होने के बाद मेट्रो नेटवर्क की लंबाई भी बढ़ जाएगी और दूरी के हिसाब से किराये में भी फर्क आएगा. इसके साथ ही इंटरचेंज स्टेशन बढ़ने से मौजूदा नेटवर्क के जरिए भी यात्री ज्यादा दूरी तय करेंगे. ऐसे में अधिकतम किराया नई मेट्रो लाइन में ध्यान में रखकर तय किया जाएगा.