दिल्ली मेट्रो में सुरक्षा और क्षमता को बढ़ावा देने के लिए DMRC द्वारा अत्याधुनिक ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर का उद्घाटन किया गया है. दिल्ली मेट्रो के लिए ये एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने 21 फरवरी 2024 को डीएमआरसी के मुख्यालय मेट्रो भवन में एक नए एकीकृत संचालन नियंत्रण केंद्र (ओसीसी) का अनावरण किया है.
ये दिल्ली मेट्रो के चरण-IV कॉरिडोर पर परिचालन शुरू करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है. डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास कुमार ने वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में ओसीसी का उद्घाटन किया.
DMRC द्वारा किया गया ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर का उद्घाटन
ओसीसी एक अत्याधुनिक नियंत्रण और कमांड सेंटर है, जो संपूर्ण मेट्रो प्रणाली को दृश्यता और गतिशीलता प्रदान करता है. इसमें मेट्रो के रोलिंग स्टॉक, स्टेशन, सिग्नल और ट्रैक समेत अन्य चीजें शामिल हैं. कमांड सेंटर कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म स्तर की निगरानी की भी अनुमति देता है जिससे यह सुनिश्चित होता है कि मेट्रो प्रणाली और उसके यात्री दोनों की लगातार निगरानी की जा रही है.
मेट्रो भवन की तीसरी मंजिल पर स्थित ओसीसी मौजूदा रेड लाइन और येलो लाइन के संचालन का प्रबंधन करेगा. वहीं चरण IV से आगामी गलियारों का प्रबंधन भी इसके दायरे में आएगा. इस पहल से सेंट्रेलाइज्ड कंट्रोल रूम स्थापित होगा, जो काफी अच्छे से निगरानी कर सके.
इसके पहले रेड और येलो लाइनों के लिए ओसीसी शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन से चालू था, जबकि अन्य परिचालन लाइनों के लिए ओसीसी मेट्रो भवन की चौथी और छठी मंजिल पर स्थित थे. वहीं ये नया OCC, DMRC के पूरे नेटवर्क को उसके मुख्यालय से एकीकृत तरीके से मैनेज करने की अनुमति देता है.
ये नया ओसीसी 415 किमी से अधिक ट्रैक लंबाई, लगभग 388 ट्रेनों और 40 इंटरचेंज स्टेशनों सहित 301 स्टेशनों की देखरेख करेगा. इससे स्टाफ का सही तरीके से उपयोग, रिस्पॉन्स टाइम में सुधार और ओवरऑल ऑपरेशन हो सकेंगे. मेट्रो के परिचालन में संभावित रुकावटों को देखते हुए ओसीसी के सेंट्रलाइज्ड स्ट्रक्चर को जल्दी और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किया गया है.
मेट्रो के परिचालन में संभावित व्यवधानों के मद्देनजर, ओसीसी की केंद्रीकृत संरचना को त्वरित, प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यहां पर एक ही स्थान पर एक्सपर्ट कर्मचारियों उपस्थित रहेंगे. वहीं, इस सेंटर की मदद से त्वरित निर्णय लेने की क्षमता, तेजी से घटना का समाधान और सुरक्षित, निर्बाध ट्रेन संचालन करना संभव हो पाएगा.