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बार-बार खराब हो रही है मेट्रो, DMRC ने शुरू की आंतरिक जांच

मेट्रो के प्रवक्ता के मुताबिक मेट्रो एक रनिंग सिस्टम है और इसमें ऑपरेशनल खराबी आना लाजमी है, लेकिन डीएमआरसी ने यह माना है कि बार-बार आ रही तकनीकी दिक्कत और इसे ठीक करने में होने वाली देरी चिंता की बात है.

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मेट्रो
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दिल्ली मेट्रो में लगातार आ रही खराबी सफर के इस शानदार साधन पर बट्टा लगा रही है. मंगलवार को ब्लू लाइन में आई खराबी ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर मेट्रो में बार-बार खराबी क्यों आ रही है और खराबी भी ऐसी जिन्हें तुरंत ठीक नहीं किया जा सके. इन खराबियों की वजह से मेट्रो की पूरी लाइन प्रभावित होती है और हजारों मुसाफिरों को परेशानी उठानी पड़ती है.

अब दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने खराबियों को लेकर माथापच्ची शुरु कर दी है. मेट्रो के प्रवक्ता के मुताबिक मेट्रो एक रनिंग सिस्टम है और इसमें ऑपरेशनल खराबी आना लाजमी है, लेकिन डीएमआरसी ने यह माना है कि बार-बार आ रही तकनीकी दिक्कत और इसे ठीक करने में होने वाली देरी चिंता की बात है. इसके लिए अब मेट्रो ने आंतरिक तौर पर अपनी जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

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मंगलवार की तकनीकी खराबी सिग्नलिंग की समस्या की वजह से हुई. मेट्रो की ब्लू लाइन पर एक ब्लाक में मेट्रो की ऑटोमेटिक सिग्नलिंग प्रणाली ने काम करना बंद कर दिया. इसकी वजह से मेट्रो को धीमी रफ्तार में मैन्युअल सिस्टम के आधार पर चलाना पड़ा, लेकिन इसका असर ये हुआ कि एक के बाद एक मेट्रो लेट होती गईं और पूरा ट्रेक सर्किट जाम हो गया. ब्लू लाइन एक व्यस्त लाइन है और यहां पीक अवर्स में फुल फ्रीक्वेंसी पर मेट्रो ट्रेन चलाई जाती हैं, ऐसे में अगर दस मिनिट के लिए भी मेट्रो के किसी हिस्से में खराबी आती है, तो इसका असर पूरी लाइन पर दिखने लगता है.

गौरतलब है कि 2017 की शुरुआत ही मेट्रो के लिए तकनीकी दिक्कतों के साथ हुई थी. जनवरी में तीन ऐसे मौके आए जब मेट्रो की रफ्तार पर ब्रेक लग गया और मुसाफिरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इसके बाद फरवरी शुरू होते ही मंगलवार मुसीबत भरा साबित हुआ. अब डीएमआरसी बार-बार आ रही तकनीकी खराबियों पर काबू पाने का दावा जरूर कर रही है, लेकिन मेट्रो में मुसाफिरों की भीड़ के दबाव को देखते हुए चुनौती आसान नहीं लगती.

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