दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (DUSU) चुनाव में नियमों का उल्लंघन कर पोस्टर, पर्चे लगाने और दीवारों को रंग कर गंदा करने के मामले की कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली मेट्रो रेल कोरपॉरेशन ने दीवारों को साफ करने से इनकार कर दिया है. DMRC ने मंगलवार को कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कि मेट्रो की प्रॉपर्टी अब साफ नहीं हो सकती. इन्हें नया बनवाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.
कोर्ट ने छात्रों को भी लगाई फटकार
कोर्ट ने दीवारों को गंदा करने वाले छात्रों को फटकार लगाई. हाई कोर्ट ने कहा कि छात्रों को पता भी है कि ऐसा करने पर उन्हें 10 साल की जेल और भारी जुर्माना लगाया जा सकता है. कोर्ट ने मेट्रो सिविल डिपार्टमेंट को नोटिस कर इस मुद्दे पर योजना बनाने का निर्देश भी दिया है. कोर्ट ने इस योजना में छात्रों को भी शामिल करने का आदेश दिया है, जिससे उन्हें इस मुद्दे की गंभीरता का पता चल सके और भविष्य में वे इसे ना दुहराए और दूसरे छात्रों को भी ऐसा करने से रोकें.
कोर्ट का निर्देश- जागरुकता अभियान चलाए सरकार
कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को इस मुद्दे पर लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने का निर्देश दिया है. हाई कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी. मामले में याचिकाकर्ता वकील प्रशांत मनचंदा ने डूसू चुनाव में बैनर-पोस्टर लगा कर मेट्रो समेत सार्वजनिक स्थानों को गंदा करने का मुद्दा उठाया है.
चुनाव प्रचार में नियमों का उल्लंघन
DUSU चुनावों में अक्सर ही नियमों का पालन नहीं किया जाता. लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन होता है, चाहे मुद्दा उम्मीदवारों के चुनाव खर्च से जुड़ा हो या फिर चुनावों में प्रचार सामग्रियों और पोस्टरबाजी से जुड़ा हो. इस बार के चुनाव में मेट्रो तक को नहीं छोड़ा गया. इसी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है.