आम आदमी पार्टी सरकार और अधिकारियों में खींचतान के बीच कैबिनेट की बैठक में अहम फैसले लिए गए हैं. मंगलवार को दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने राशन की डोर स्टेप डिलीवरी का प्रस्ताव पास कर उपराज्यपाल अनिल बैजल को भेजा है. प्रस्ताव पास होने पर दिल्ली की जनता को राशन चावल, गेहूं या आटा पैकेट में मिलेगा.
अनाज लेने नहीं जाना पड़ेगा दुकान
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया कि प्रस्ताव पास होने के बाद नागरिकों को राशन की दुकान पर अपना अनाज लेने नहीं जाना पड़ेगा. एलजी से निवेदन किया गया है कि वे इसे जल्द पास कर दें. दिल्ली सरकार की निगरानी में कंपनी के कर्मचारी राशन उपभोक्ताओं को फोन कर डिलीवरी करेंगे. यह फैसला राशन की चोरी को देखते हुए किया गया है. दिल्ली की जनता को राशन चावल, गेहूं या आटा पैकेट में मिलेगा.
फैसले पर ना हो राजनीति
दिल्ली सचिवालय में कैबिनेट मीटिंग के बाद मनीष सिसोदिया ने बताया कि कई बार दुकानें बंद रहती थीं, जिससे जनता को दिक्कतें होती थीं. लेकिन अब उपभोक्ता चाहें तो गेहूं या आटा ले सकते हैं. खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन ने बताया कि अगले 30 दिनों में इस योजना का टेंडर पास कर दिया जाएगा. सिसोदिया ने यह भी कहा कि यह गरीब की रोटी का सवाल है. इस पर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए. अफसरों और सरकार की जंग में जनहित के फैसले प्रभावित नहीं होने चाहिए.
फाइनेंस और बाकी विभागों ने दर्ज करवाईं ये आपत्तियां-
-कानूनी तौर पर ये मान्य नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी है, जो परिभाषा केंद्र सरकार ने दी है, उसमें आटा नहीं आता इसलिए केंद्र की मंजूरी जरूरी है.
-गेहूं में क्वालिटी कंट्रोल संभव है, आटा में क्वालिटी कंट्रोल मुमकिन नहीं, खराब क्वालिटी के गेहूं का आटा भी दिया जा सकता है और इसमें मिलावट भी संभव है.
-पूरे प्रस्ताव में ये नहीं बताया गया है कि गेहूं से आटा बनाने में लॉस कितना होगा और उसकी भरपाई कौन करेगा.
-सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक राशन की दुकानें और डेर स्टेप डिलीवरी सिस्टम दोनों साथ-साथ चलेंगी, यानि डबल खर्च होगा. दुकान चलाने का भी और घर-घर पहुंचाने का भी. इसके अलावा दुकानदारों की मार्जिन मनी और बढ़ानी होगी, क्योंकि उनकी दुकान पर सामानों की बिक्री कम हो जाएगी.
- सामान तोलने की मशीनें बेकार हो जाएंगी.
- विभागों का दावा ये भी है कि जो मौजूदा ऑन लाइन सिस्टम (E-POS) लागू किया गया है वो लीकेज रोक रहा है और उससे राशन आउट-टेक भी बढ़ा है, तो उसे क्यों छोड़ा जा रहा है क्योंकि इससे भ्रष्टाचार में कमी भी आई है.
कपिल मिश्रा का ट्वीट
पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ट्वीट करते हुए दिल्ली सरकार पर तंज कसना नही भूले. मिश्रा ने ट्विटर पर लिखा कि राशन की डोरस्टेप डिलीवरी की घोषणा 14 नवंबर 2017 को हुई थी. चार महीने बाद दिल्ली सरकार ने इसे मंगलवार को पास किया है. इतने दिन से जब केजरीवाल कैबिनेट ने खुद ही पास नहीं किया था, तो गालियां एलजी और अधिकारियों को क्यों दे रहे थे? राशन के बारे में बोली सारी बातें झूठ निकली.