रविवार को मंडावली थाने के बाहर कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी थाने के सामने एक महिला का शव रखकर इंसाफ की गुहार लगा रहे थे.
महिला के परिजनों का आरोप है कि दहेज के लालच में महिला के ससुरालवालों ने उसपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी. परिजनों के मुताबिक महिला को जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी मौत हो गई. जनवरी 2013 को लड़की की शादी हुई थी.
दहेज हत्या के चौंकाने वाले आंकड़े
देश में औसतन हर एक घंटे में एक महिला दहेज संबंधी कारणों से मौत का शिकार होती है और वर्ष 2007 से 2011 के बीच इस प्रकार के मामलों में काफी वृद्धि देखी गयी है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ें बताते हैं कि विभिन्न राज्यों से वर्ष 2012 में दहेज हत्या के 8233 मामले सामने आए. आंकड़ों का औसत बताता है कि प्रत्येक घंटे में एक महिला दहेज की बलि चढ़ रही है.
महिलाओं के खिलाफ अपराधों की इस श्रेणी के तहत वर्ष 2011 में हुई मौतों की संख्या 8618 थी लेकिन कुल दोष सिद्धि दर 35.8 फीसदी थी जो वर्ष 2012 में दर्ज मामलों में 32 फीसदी दोष सिद्धि दर से थोड़ा ही अधिक थी. रिकॉर्ड कहता है कि वर्ष 2007 से 2011 के बीच देश में दहेज हत्याओं के मामलों में तेजी आयी है. वर्ष 2007 में ऐसे 8093 मामले दर्ज हुए लेकिन वर्ष 2008 में यह आकंड़ा 8172 और 2009 में 8383 था. एनसीआरबी के अनुसार, वर्ष 2010 में इस प्रकार की 8391 मौतें दर्ज की गयीं.
एनसीआरबी राष्ट्रीय स्तर पर आपराधिक आंकड़ों का संग्रहण करने वाली केंद्रीय एजेंसी है. इस प्रकार के अपराधों से निपटने वाले पुलिस अधिकारी मामलों में वृद्धि के लिए विभिन्न कारण गिनाते हैं.