scorecardresearch
 

दिल्ली: सरकारी अस्पताल के इस डॉक्टर को मिला राष्ट्रपति से अवॉर्ड

डॉ. दलजीत सिंह के मुताबिक कोई भी अवॉर्ड ज़िम्मेदारी का अहसास बढ़ा देता है. इसीलिए अब प्रोफेशन के प्रति उनकी ज़िम्मेदारी और बढ़ गई है. उनकी कोशिश होती है कि मरीज़ों को न सिर्फ सही इलाज मिले बल्कि वक्त पर और आसानी से इलाज मिलना भी ज़रूरी है.

Advertisement
X
डॉ. दलजीत सिंह को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
डॉ. दलजीत सिंह को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

Advertisement

दिल्ली सरकार के जीबी पंत सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डॉक्टर दलजीत सिंह को डॉ. बीसी रॉय मेमोरियल अवॉर्ड से नवाज़ा गया है. मेडिकल के क्षेत्र में ये अवॉर्ड काफी प्रतिष्ठित माना जाता है. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से ये अवॉर्ड मेडिकल के क्षेत्र में असाधारण काम करने वाले डाक्टरों को दिया जाता है.

डॉ. दलजीत सिंह को मिला अवॉर्ड
विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में मेडिकल के क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करने वाले डाक्टरों को भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सम्मानित किया. दिल्ली सरकार के जीबी पंत हॉस्पिटल के डॉ. दलजीत सिंह को राष्ट्रपति ने डॉ. बीसी रॉय मेमोरियल अवॉर्ड प्रदान किया. डॉ. दलजीत सिंह देश के जाने माने न्यूरो सर्जन में शुमार किए जाते हैं और दिल्ली सरकार के जीबी पंत अस्पताल में न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रमुख भी हैं. डॉ. दलजीत सिंह को मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए ये अवॉर्ड दिया गया है. उन्हें मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने एमिनेंट टीचर माना है.

Advertisement

न्यूरो सोसायटी और इंडिया के सदस्य हैं डॉ. दलजीत
डॉ. दलजीत सिंह पिछले दो दशकों से न्यूरो सोसायटी और इंडिया के सदस्य हैं और न्यूरो साइंस की शिक्षा में अपना योगदान दे रहे हैं. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में डॉ. दलजीत सिंह को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट के ट्रीटमेंट का माड्यूल विकसित करने के लिए भी जाना जाता है. डॉ. दलजीत सिंह दिल्ली न्यूरोलॉजिकल सोसायटी के अध्यक्ष भी रहे हैं और उनके कार्यकाल के दौरान न्यूरोलॉजी के क्षेत्र में दिल्ली ने कई कामयाबियां हासिल की हैं. डॉ. दलजीत सिंह का नाम मेडिकल के क्षेत्र में उच्च मानदंड स्थापित करने के लिए भी जाना जाता है. डाक्टरों के खिलाफ आने वाली मेडिकल लापरवाही की शिकायतों के निपटारे के लिए डॉ. दलजीत सिंह दिल्ली मेडिकल काउंसिल के एडवायज़र भी रहे हैं. इसके साथ ही कई मेडिकल संस्थाओें की एथिकल कमेटी के सदस्य के तौर पर भी डॉ. दलजीत सिंह शामिल हैं.

डॉ. दलजीत सिंह के मुताबिक कोई भी अवॉर्ड ज़िम्मेदारी का अहसास बढ़ा देता है. इसीलिए अब प्रोफेशन के प्रति उनकी ज़िम्मेदारी और बढ़ गई है. उनकी कोशिश होती है कि मरीज़ों को न सिर्फ सही इलाज मिले बल्कि वक्त पर और आसानी से इलाज मिलना भी ज़रूरी है.

बता दें कि बीसी रॉय अवॉर्ड डॉ. बिधान चंद्र राय की याद में 1976 में मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया ने शुरू किया था. डॉ. राय जाने माने फिजिशियन और स्वतंत्रता सैनानी थे. इस अवॉर्ड के लिए डाक्टरों का चयन एक उच्चस्तरीय समिति करती है.

Advertisement
Advertisement