आज लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान, पश्चिम दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने ड्रग्स के उत्पादन बढ़ने पर चिंता जताई और इसपर सवाल किया कि क्या ड्रग्स को लेकर केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के साथ मिलकर कोई योजना बनाई है. इसपर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने इस विषय को संवेदनशील बताते हुए जवाब दिया और सरकार की योजनाओं के बारे में बताया.
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि 2018 से पहले इस विषय पर कोई सर्वे नहीं किया गया था. मोदी सरकार के आने के बाद सरकार ने इस क्षेत्र में गंभीरता से कदम बढ़ाया है. इसमें 272 जिलों को संवेदनशील बनाने की दृष्टि से शामिल किया गया. साल 2022 में, 100 और जिलों को संवेदनशील बनाने पर काम किया जाएगा.
दिल्ली के 4,93,600 बच्चों में नशे की लत
मंत्री वीरेंद्र कुमार ने बताया कि मादक पदार्थों के परिणाम पर 2019 में सर्वेक्षण किया गया था, जिसके अनुसार दिल्ली में 10-17 साल की उम्र के 4,93,600 बच्चे तरह-तरह की मादक दवाओं और नशे के आदी पाए गए. इनमें सड़क पर रहने वाले बच्चे भी शामिल हैं. मादक पदार्थों के सेवन के प्रभाव से निपटने के लिए, मंत्रालय ने नशीली दवाओं की मांग में कमी करने की कार्य योजना बनाई है.
दिल्ली के 11 जिले सबसे कमजोर
नशे से निपटने के लिए एनएपीडीडीआर नशीली दवाओं की मांग को कम करने के लिए कार्यवाही कर रही है. इसके लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नशा मुक्त भारत अभियान भी शुरू किया है. इसका उद्देश्य देश के युवाओं पर ध्यान देने के साथ-साथ नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरुकता फैलाना भी है. इस अभियान के तहत दिल्ली के सभी 11 जिलों की पहचान सबसे कमजोर जिलों के रूप में की गई है. उन्होंने आगे कहा कि नशा मुक्ति के लिए, 290 जिलों में सरकार नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने पर विचार कर रही है.
दिल्ली के 25% लोग शराब और 4% लोग लेते हैं ड्रग्स
प्रवेश साहिब सिंह ने आगे कहा कि किसी भी नशे के मामले में दिल्ली देश के टॉप पांच राज्यों में सबसे ऊपर है. और ऐसे में भी दिल्ली सरकार अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिए 824 नए ठेके खोल रही है. उन्होंने बताया कि ड्रग्स का नेशनल एवरेज है 1 प्रतिशत है, तो दिल्ली का 4 प्रतिशत है. इन्हेलेंट की बात करें, तो देश का एवरेज है 1.1 प्रतिशत, तो दिल्ली का 8 प्रतिशत. दिल्ली की 25 प्रतिशत जनसंख्या शराब पर निर्भर है. दिल्ली के 4 प्रतिशत लोग ड्रग्स लेते हैं. 1 प्रतिशत से ज़्यादा लोग इंजक्शन का इस्तेमाल करते हैं. इसपर उन्होंने सवाल किया कि अगर दिल्ली सरकार इसपर कुछ नहीं कर रही है, तो नशा मुक्ति अभियान में केंद्र सरकार किस तरह मदद कर सकती है?
इस सवाल के जवाब में मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि नशीली दवाओं की मांग में कमी करने के लिए एक कार्य योजना बनाई गई है, जिसमें दिल्ली को भी शामिल किया गया है. एनएपीडीडीआर के तहत 4.84 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. 2018-19 के लिए 2.51 करोड़ दिए गए और 2019-20 के लिए 2.33 करोड़ रुपए दिए गए. पिछले 3 सालों में, नशा मुक्ति पर काम करने वाले एनजीओ को 13.85 करोड़ की धनराशी दी गई है. नशा मुक्त भारत अभियान के तहत एक टोल फ्री हेल्पलाइन 14446 भी जारी की गई है.