रूपेश गुर्जर का परिवार दिल्ली की ओखला विधानसभा क्षेत्र के तैमूर नगर इलाके में रहता है. तैमूर नगर में रूपेश गुर्जर के घर के नजदीक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ विधायक अमानतुल्लाह खान ने परिवार की आर्थिक मदद की.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिस मंच पर मौजूद थे वहां रूपेश गुर्जर को 'शहीद' बताते हुए पोस्टर लगाए गए. साथ ही मंच से रूपेश गुर्जर की पत्नी मोनू को दिल्ली वक़्फ बोर्ड में नौकरी का कागज भी सौंपा गया. विधायक अमानतुल्लाह खान ने बताया कि रूपेश के दो बच्चों को भी केंद्रीय विद्यालय में दाखिला कराया गया है. साथ ही तैमूर नगर के गुरुद्वारे से सटे चौराहे का नाम भी 'रूपेश गुर्जर चौक' रखा गया है.
क्यों हुई थी रूपेश की हत्या ?
तैमूर नगर इलाके में खुलेआम नशे का कारोबार किया जाता है. इसके खिलाफ इलाके के लोग लगातार आवाज उठा रहे थे. रूपेश और उसका भाई भी कई बार लिखित तौर पर पुलिस में इसकी शिकायत कर चुके थे. लेकिन नशे के कारोबारी इसी बात से नाराज चल रहे थे. एक दिन रूपेश अपने घर के बाहर खड़ा था तभी दो लोग वहां पहुंचे. इनके बीच आरोपियों से रूपेश की कुछ कहासुनी हुई और फिर आरोपी गोली मारकर फरार हो गए. वारदात का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की थी.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज भाई रूपेश गुर्जर की शहादत को सम्मान देने के लिए जुटे हैं. भाई रूपेश गुर्जर की ड्रग माफिया ने हत्या कर दी थी. उनकी हत्या के बाद उनके परिवार पर समस्याओं का पहाड़ टूट पड़ा. हमारी सरकार ने परिवार की पूरी मदद की है. परिवार के लोगों का बड़ा भाई हूं, हर ज़रूरत को पूरा करूंगा.
मृतक की पत्नी ने की नशा न करने की अपील
रूपेश गुर्जर की पत्नी मोनू ने सरकार के इस फैसले को सही बताया है. रूपेश गुर्जर के परिवार को नौकरी के अलावा 5 लाख रुपए की आर्थिक मदद भी मिली है. साथ ही दोनों बच्चों का एडमिशन केंद्रीय विद्यालय में केजरीवाल सरकार ने करवाया है. रूपेश गुर्जर की पत्नी ने लोगों से अपील की है कि मैंने बहुत कुछ खोया है, युवाओं से कहना चाहूंगी कि जिस वजह से मेरी पति की हत्या हुई उस नशे से दूर रहें.