उत्तर प्रदेश की कुंडा विधानसभा सीट से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का पत्नी भानवी कुमारी से तलाक का केस चल रहा है. इस मामले में राजा भैया पर उनकी पत्नी ने गंभीर आरोप लगाए हैं. अब एक और मामले में राजा भैया की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं.
प्रतापगढ़ में दस साल पहले हुई तत्कालीन डीएसपी जिया उल हक की हत्या में कुंडा विधायक राजा भैया की भूमिका की जांच का आदेश सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने दिया है.
जिया उल हक की पत्नी ने दायर की है याचिका
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की इस पीठ ने डीएसपी की पत्नी परवीन आजाद की ओर से दायर याचिका पर फैसला दिया. कोर्ट ने पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा क्लोजर रिपोर्ट को मान्यता देने वाले आदेश को रद्द कर दिया था.
हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी और ट्रायल कोर्ट ने राजा भैया और उनके चार साथियों के खिलाफ सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए जांच जारी रखने का आदेश दिया था.
तीन महीने में रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एसडीएम की रिपोर्ट को मान्यता देते हुए सीबीआई को इस मामले की तहकीकात कर तीन महीने में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.
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सीओ जिया-उल-हक की क्यों कर दी गई थी हत्या?
प्रतापगढ़ के कुंडा के बलीपुर गांव में 2 मार्च 2013 की शाम साढ़े सात बजे प्रधान नन्हे सिंह यादव की हत्या कर दी गई थी. यह हत्या उस समय हुई थी, जब नन्हें यादव विवादित जमीन के सामने बनी एक फूस की झोपड़ी में मजदूरों से बात कर रहे थे. दो बाइक बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया था. इस घटना के बाद नन्हें सिंह यादव के समर्थक बड़ी संख्या में हथियार लेकर बलीपुर गांव पहुंच गए थे. रात सवा आठ बजे कामता पाल के घर में आग लगा दी गई.
भारी बवाल के बीच कुंडा के कोतवाल सर्वेश मिश्र अपनी टीम के साथ नन्हें सिंह यादव के घर की तरफ जाने की हिम्मत न जुटा सके, लेकिन सीओ जिया-उल-हक गांव में पीछे के रास्ते से प्रधान के घर की तरफ बढ़े. इसी बीच ग्रामीणों द्वारा की जा रही फायरिंग से डरकर सीओ की सुरक्षा में लगे गनर इमरान और एसएसआइ कुंडा विनय कुमार सिंह खेत में छिप गए. सीओ जिया-उल-हक के गांव में पहुंचते ही ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया.
इसी दौरान गोली चलने से प्रधान नन्हें सिंह यादव के छोटे भाई सुरेश यादव की मौत हो गई. इसके बाद सीओ जिया-उल-हक की निर्मम हत्या कर दी गई. रात 11 बजे भारी पुलिस बल बलीपुर गांव पहुंचा और सीओ की तलाश शुरू हुई. आधे घंटा बाद जियाउल हक का शव प्रधान के घर के पीछे खड़ंजे पर पड़ा मिला. इस हत्याकांड का आरोप तत्कालीन कैबिनेट मंत्री राजा भैया, उनके करीबी गुलशन यादव समेत कई लोगों पर लगा था.
पत्नी की ओर से दर्ज कराई गई FIR में था राजा भैया का नाम
बलीपुर गांव में हुए तिहरे हत्याकांड में कुल चार एफआईआर दर्ज कराई गई थी. सबसे आखिर में सीओ जिया-उल-हक की पत्नी परवीन की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इसमें 5 आरोपी हैं, जिनके नाम हैं गुलशन यादव, हरिओम श्रीवास्तव, रोहित सिंह, संजय सिंह उर्फ गुड्डू और रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया. इन पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302, 504, 506, 120 बी और सीएलए एक्ट की धारा 7 के तहत केस दर्ज कराया गया था.