दिल्ली राज्य परिवहन प्राधिकरण ने अमूल तथा अन्य सहकारी निकायों को दिल्ली परिवहन निगम के परिसरों में अपने स्टाल स्थापित करने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यह मंजूरी डीटीसी का राजस्व बढ़ाने के मकसद से दी गई है.
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि राज्य परिवहन प्राधिकरण बोर्ड ने डीटीसी के परिसरों में जूस, दूध और अन्य उत्पादों के स्टाल स्थापित करने के लिए सहकारी निकायों को स्थान मुहैया कराने के बारे में दिए गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. स्टालों का आवंटन किराये के आधार पर होगा. इसकी शर्तें वहीं होंगी, जिनका पालन मदर डेयरी द्वारा किया जाता है. प्रस्ताव को मंजूरी डीटीसी बोर्ड ने दी है.
राज्य परिवहन प्राधिकरण ने डीटीसी के प्रमुख प्रबंध निदेशक को सहकारी निकायों को स्थान आवंटित करने के लिए अधिकृत किया है.अधिकारी ने बताया कि डीटीसी के दिल्ली भर में 40 डिपो हैं जहां ये स्टाल खोले जा सकते हैं.
आपको बता दें कि डीटीसी की खस्ता हालत पर हुए खुलासे के बाद अब केजरीवाल सरकार कटघरे में है. डीटीसी बसों की संख्या में कमी और लगातार कम हो रहे मुसाफिरों को लेकर सरकार के दावों पर सवाल उठ रहे हैं, जिसमें सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट को दुरुस्त करने की बात करती है. पर्यावरण के लिए काम करने वाले एनजीओ सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट ने एक रिसर्च रिपोर्ट के हवाले से दावा किया है कि पिछले पांच साल में डीटीसी में सफर करने वाले मुसाफिरों की संख्या में भारी कमी आई है और डीटीसी की बसों में सफर करने वाले मुसाफिर 35 फीसदी तक कम हो गए हैं. यही नहीं दिल्ली को फिलहाल 11 हजार बसों की जरूरत है, उसके मुकाबले दिल्ली में बसों की संख्या पांच हजार के आसपास है, जबकि 2020 तक दिल्ली की जरूरत 15 हजार बसों तक बढ़ जाएगी.