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डीटीसी के 12,000 ड्राइवर-कंडक्टर हाईकोर्ट पहुंचे, एकमुश्त सैलरी की उठाई मांग

दिल्ली की नब्ज कही जाने वाली डीटीसी सेवा के साथ अस्थाई तौर पर काम करने वाले लगभग 12,000 ड्राइवर और कंडक्टर खुद को नियमित करने और सामान्य वेतन पर रखने के लिए आज बड़ी संख्या में हाई कोर्ट पहुंचे. एकमुश्त सैलरी की मांग की.

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डीटीसी
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दिल्ली की नब्ज कही जाने वाली डीटीसी सेवा के साथ अस्थाई तौर पर काम करने वाले लगभग 12,000 ड्राइवर और कंडक्टर खुद को नियमित करने और सामान्य वेतन पर ऱखने के लिए आज बड़ी संख्या में हाई कोर्ट पहुंचे. हाईकोर्ट ड्राइवरों को नियमित करने के लिए लगाई गई याचिका पर सुनवाई कर रहा है. डीटीसी के इन अस्थाई कर्मचारियों की परेशानियो पर विस्तृत सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने 28 अगस्त की तारीख तय की है. कोर्ट ने कर्मचारियो के मामले पर सुनवाई के साथ ही दिल्ली सरकार को इस मामले में अब तक हलफनामा दाखिल न करने के कारण भी फटकार लगाई है.

डीटीसी कर्मचारियो का कहना है कि डीटीसी अस्थाई तौर पर काम कर रहे कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के मुतबिक डीटीसी अपने ड्राइवरो को 4 रुपये किलोमीटर के आधार पर पैसे देती है. पूरे दिन में गाडी ट्रैफिक जाम से गुजरते हुए 70 से 100 किलोमीटर तक ही चल पाती है और किसी भी ड्राइवर को 25 दिन से ज्यादा गाड़ी चलाने को नही मिलती.
इस तरह वे महीने में सिर्फ 7 से 12 हजार के बीच ही कमा पाते हैं. पैसे ज्यादा कमाने के चक्कर में ये ड्राइवर सड़को पर तेजी से गाड़ी चलाते हैं और इसी वजह से दिल्ली एनसीआर की सड़कों पर अक्सर डीटीसी बसों से सबसे ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं. 2015 में आई आरटीआई की एक रिपोर्ट के मुतबिक दिल्ली में सबसे ज्यादा एक्सीडेंट डीटीसी के कारण होते हैं.

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एकमुश्त सैलरी की है मांग
हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका में अस्थाई तौर पर काम करने वाले ड्राइवरों और कंडक्टरों को एकमुश्त सैलरी दिए जाने की मांग उठी है. यह 18 हजार के आस-पास है. जिससे उन पर गाड़ी को दौड़ाने का दबाब न हो. साथ ही दुर्घटनाओं पर भी लगाम लगाया जा सके. इस वक्त करीब 12 हजार ड्राइवर डीटीसी के साथ अस्थाई तौर पर काम कर रहे हैं. वे 7 से 15 साल से डीटीसी से जुड़े हुए हैं. जबकि स्थाई ड्राइवर की सख्या सिर्फ 4 हजार के आसपास है.

गौरतलब है कि डीटीसी पर ड्राइवरों की भर्ती को लेकर इससे पहले भी कई सवाल खड़े हो चुके हैं. दरअसल डीटीसी में करीब तीन हजार के आसपास अनफिट ड्राइवरों की भर्ती की गयी थी. आज हाल यह है कि ड्राइवरों को रंग पहचानने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हाईकोर्ट इस मामले में भी सुनवाई कर रहा है. फिलहाल कोर्ट इस मामले में 28 अगस्त को सुनवाई करेगा. ऐसे में देखना यह होगा कि डीटीसी के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को कोर्ट से राहत मिल भी पाती है या फिर नहीं.

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