किरोड़ीमल कॉलेज के प्रोफेसर राकेश पांडे ने फेसबुक पर “मार्क्स जिहाद” का आरोप लगाते हुए पोस्ट किया कि केरल शिक्षा बोर्ड ने कई छात्रों को 100 प्रतिशत अंक दिए हैं, जिससे डीयू के कई पाठ्यक्रमों में राज्य के छात्रों का प्रवेश अधिक हो गया है.
उनके इस ट्वीट पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी ट्वीट कर कहा कि “अगर जिहाद का मतलब संघर्ष करना है तो डीयू में आने के लिए केरला को छात्र-छात्राओं ने 100 प्रतिशत स्कोर करने के लिए संघर्ष किया है. इसलिए पहले उनका इंटरव्यू करो लेकिन कमतर मत समझो. थरूर ने कहा कि एंटी केरला बायस को खत्म करो. डीयू के प्रोफेसर की ‘मार्क्स जिहाद’ वाली टिप्पणी से नाराज़ एनएसयूआई किरोड़ीमल कॉलेज के सामने विरोध प्रदर्शन करेगा.”
एबीवीपी ने राज्य के नाम से की तौबा
एबीवीपी के दिल्ली प्रान्त मंत्री सिद्धार्थ यादव का कहना है कि विशेष राज्य ही नहीं और कई राज्यों के स्टेट बोर्ड के बढ़े नंबरों की वजह से उन छात्रों को डीयू में एडमिशन नहीं मिल पा रहा है जो सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से हैं. ऊंचे कट ऑफ के कारण केवल कुछ बोर्ड के छात्र ही देश के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में दाखिला लेने में सक्षम हो पा रहे है, जोकि गलत है.
एबीवीपी का मानना है कि यह विषय किसी एक बोर्ड का नहीं है बल्कि देश के सभी राज्यों के छात्रों को सामान मौका देने का है. यही वजह है कि 4 अक्टूबर से शुरू हुए नामांकन के दिन से ही कड़ा विरोध है. डीयू प्रशासन की ओर से एक उच्च स्तरीय समिति का गठन होगा जिसमें डीयू छात्र संघ भी शामिल रहेगा.