दिल्ली विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन प्रोग्राम को लेकर यूजीसी और दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के बीच पैदा हुए विवाद को लेकर वीसी दिनेश सिंह के इस्तीफे की खबर को मधु किश्वर ने खारिज कर दिया है. पहले वीसी दिनेश सिंह के इस्तीफे की खबर आई थी. हालांकि डीयूएसी की सदस्य मधु किश्वर के इस दावे के बाद दिनेश सिंह के इस्तीफे को लेकर सस्पेंस पैदा हो गया है. वहीं मानव संसाधन मंत्रालय ने भी वीसी का इस्तीफा नहीं मिलने की पुष्टि की है.
मधु किश्वर ने यूजीसी और मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मधु किश्वर ने दावा किया है कि वीसी दिनेश सिंह पर इस्तीफे का दबाव बनाया जा रहा है. यूजीसी के अधिकारियों ने उन्हें धमकाया भी था कि अगर बात नहीं मानी तो एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. मधु किश्वर ने यह भी कहा कि दिनेश सिंह सोमवार को शिक्षा मंत्री से मिलने गए थे लेकिन स्मृति ईरानी उनसे नहीं मिलीं.
इस बीच प्रो वीसी सुधीश पचौरी ने दिनेश सिंह से अपील की है कि वह इस्तीफा नहीं दें. यह छात्रों और विश्वविद्यालय के हित में नहीं है.
इस विवाद की वजह है डीयू का ग्रेजुएशन कोर्स. दिनेश सिंह 4 साल के ग्रेजुएशन कोर्स पर अड़े हैं जबकि यूजीसी तीन साल के कोर्स के लिए डीयू पर दबाव डाल रहा है.
इस बीच, डीयू-यूजीसी विवाद कोर्ट भी पहुंच गया है. दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (DUTA) के पूर्व अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट से दखल की मांग की. लेकिन शीर्ष कोर्ट ने दखल से इनकार करते हुए हाई कोर्ट में अपील करने को कहा है. अब भूख हड़ताल पर बैठे मिश्रा बुधवार को हाई कोर्ट में अपील करेंगे.
नहीं जारी हुई कट ऑफ लिस्ट
चार साल के पाठ्यक्रम पर जारी गतिरोध का असर दाखिले पर पड़ा है और मंगलवार को पहली कट ऑफ लिस्ट भी जारी नहीं हुई. चार साल के ग्रेजुएशन कोर्स के विरोध के बावजूद डीयू इस पर अड़ा हुआ है.
चार साल का पाठ्यक्रम वापस लेने के यूजीसी के निर्देश के खिलाफ डीयू एक्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य आदित्य नारायण मिश्रा भूख हड़ताल पर चले गए हैं. उन्होंने यूजीसी पर यूनिवर्सिटी की स्वायत्तता पर हमले का आरोप लगाया है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के सामने आज भी प्रदर्शन जारी है. बताया जा रहा है कि बीटेक कोर्स को चार साल का बनाए रखने और बीए और बीकॉम को तीन साल का करने के फॉर्मूले पर सलाह-मशविरा किया जा रहा है. इंजीनियरिंग कोर्स अनिवार्य रूप से चार साल का होता है.
वहीं एचआरडी मिनिस्ट्री के सूत्रों की मानें तो दिल्ली यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार भी यूजीसी के साथ हो गए हैं. उन्होंने सोमवार शाम यूजीसी को फैक्स भेजकर कहा है कि यूजीसी के दिशानिर्देश स्पष्ट है.
कॉलेज प्रिंसिपल्स ने लिया एडमिशन न लेने का फैसला!
बताया जा रहा है कि चार साल के कोर्स पर विवाद के चलते डीयू के सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल ने बैठक कर फैसला लिया है कि विवाद सुलझने तक दाखिला नहीं होगा. दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष नंदिता नारायण ने भी कहा, 'मौजूदा हालात में दाखिला नहीं होना चाहिए.'