दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में कांग्रेस की स्टूडेंट इकाई NSUI को बड़ी कामयाबी मिली है. हालांकि वह अपनी कामयाबी से पूरी तरह संतुष्ट नहीं और कोर्ट जाने पर विचार कर रही है. मामला यह है कि NSUI ने अध्यक्ष पद और उपाध्यक्ष पद कब्जा जमाया, लेकिन उसका दावा है कि जॉइंट सेक्रेटरी पोस्ट पर भी उसकी जीत हुई है. इसके लिए एनएसयूआई दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.
एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अमित शाह के व्यक्तिगत दखल के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के नतीजों से छेड़छाड़ हुई. ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के सचिव और एनएसयूआई के इंचार्ज गिरीश चोदंकर ने बताया कि एनएसयूआई को तीन सीटों पर जीत मिली. उसके खाते में अध्यक्ष पद और उपाध्यक्ष पद के अलावा जॉइंट सेक्रेटरी का पद भी आया. हालांकि अंत में इस पोस्ट पर एबीवीपी की जीत की घोषणा कर दी गई. उनके अनुसार पीएम मोदी और अमित शाह के इशारे पर ऐसा किया गया.
गिरीश ने आगे बताया कि हमने इलेक्शन कमिटी से दोबारा वोटों की गिनती करने को कहा है. अगर ऐसा नहीं होता तो हम दिल्ली हाई कोर्ट जाएंगे. यह बीजेपी के लिए शर्म की बात है अगर उसे एबीवीपी को जीताने के लिए छेड़छाड़ का सहारा लेना पड़ रहा है. वहीं मुख्य निर्वाचन अधिकारी एसबी बब्बर ने कहा कि गिनती में कोई चूक नहीं हुई है, डीयू एकमात्र विश्वविद्यालय है जो ईवीएम का इस्तेमाल करता है.
आपको बता दें कि बुधवार को जारी हुए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के नतीजों में एबीवीपी को झटका लगा है. इस बार अध्यक्ष पद की रेस में NSUI के रॉकी तुसीद ने ABVP के रजत चौधरी को हराया. वहीं उपाध्यक्ष पद पर भी NSUI ने कब्जा किया. कुणाल सहरावत ने उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी उम्मीदवार को 175 वोटों से हराया. एबीवीपी को सेक्रेटरी पद और विवादस्पद जॉइंट सेक्रेटरी पद पर जीत मिली. एबीवीपी की महामेधा नागर ने सेक्रेटरी के पद पर एनएसयूआई की मीनाक्षी मीणा को 2,624 वोटों के अंतर से हराया.
राहुल गांधी ने बधाई दी
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एनएसयूआई को बधाई दी और छात्रों का पार्टी में विश्वास रखने के लिए धन्यवाद किया. उन्होंने ट्वीट किया, "एनएसयूआई को शानदार प्रदर्शन एवं डूसू अध्यक्ष पद की जीत के लिए बधाई. मैं डीयू के छात्रों को कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास जताने के लिए धन्यवाद देता हूं."
कई लोगों ने किया ट्वीट
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "एनएसयूआई की शानदार जीत मोदी के अच्छे दिन के झूठे वादों को अस्वीकार किया जाना है।" कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया, "डूसू में एनएसयूआई के शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई. परिसर में उदारवादी मूल्यों की जीत हुई. आप पर गर्व है". वरिष्ठ वकील व स्वराज अभियान के संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण ने भी एबीवीपी के बदमाशों को हटाने के लिए डूसू को बधाई दी.
हुआ उलटफेर
दिनभर वोटों की गिनती में काफी नाटकीय मोड़ आया, पहले खबर आई कि तीन बड़े पदों पर NSUI का कब्जा है. लेकिन बाद में यह साफ हुआ कि दो पदों पर NSUI और दो पदों पर ABVP की जीत हुई है. गिनती के दौरान कड़ा मुकाबला रहा. शुरुआती राउंड में ABVP ने चारों पदों पर बढ़त बनाई हुई थी, तो बाद में NSUI ने बढ़त बनाई. पिछले साल एबीवीपी ने डूसू के सेंट्रल पैनल में 4 में से 3 सीटों पर कब्ज़ा जमाया था. पिछले 4 साल से एबीवीपी डूसू पर काबिज़ थी.
तुसीद ने 16,299 वोट हासिल करके एबीवीपी के रजत चौधरी को 1,590 वोटों से हराया है. वहीं, सेहरावत 16,431 वोट प्राप्त कर पार्थ राणा को केवल 175 वोटों से मात देने में कामयाब रहे. नागर को 17,156 वोट मिले. उन्होंने 2, 264 वोटों से जीत हासिल की, जबकि शंकर ने 16,691 वोट हासिल करके 342 वोटों जीत हासिल की.
चार साल बाद की वापसी
डूसू के इस दंगल में एनएसयूआई पिछले 4 साल से हार का सामना कर रही थी. 4 साल बाद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर SUI का कब्जा हुआ है. हालांकि पिछले साल जॉइंट सेक्रटरी के पोस्ट पर NSUI के मोहित गरीड़ ने बाज़ी मारी थी. आपको बता दें कि चुनाव से ठीक पहले एनएसयूआई के प्रेसिडेंड कैंडिडेट रॉकी तुसीद का नॉमिनेशन रद्द होने के बाद एनएसयूआई को दूसरी उम्मीदवार अलका के लिए प्रचार करना पड़ा.
फिर रॉकी तुसीद के पक्ष में हाई कोर्ट का फैसला आने पर एनएसयूआई का प्रेसिडेंड कैंडिडेट बदलने पर डीयू के छात्रों के बीच असमंजस की स्थिति बन गई. हालांकि सोशल मीडिया कैंपेन के जरिये एनएसयूआई ने प्रेसिडेंड पोस्ट के लिए जमकर प्रचार किया. अंत में अध्यक्ष पद की रेस में NSUI के रॉकी तुसीद ने बाजी मार ली.