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महंगा हुआ नॉर्थ एमसीडी से ई-म्यूटेशन कराना, 10 गुना बढ़ी फीस

अब आवेदक को लेट चार्ज के बतौर नयी दरों से शुल्क जमा कराना होगा जिसके तहत संयोजन शुल्क 500 रुपए और संविभाजन शुल्क 1000 रुपए होगा यानि कुल 1500 रुपए का शुल्क देय होगा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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नॉर्थ एमसीडी ने हाउस टैक्स के रिकॉर्ड में प्रॉपर्टी ऑनर का नाम जुड़वाने या ई-म्यूटेशन करवाने के लिए लगने वाले चार्ज को बढ़ा दिया है. अभी तक 150 रुपए लगने वाले चार्ज को बढ़ाकर अधिकतम 1500 रुपए कर दिया गया है. इस प्रस्ताव को स्थाई समिति ने भी पास कर दिया है.

निगम के मुताबिक अभी तक इस प्रकिया के लिए 50 रुपए की मामूली रकम ली जा रही थी लेकिन इसी साल जून में जब म्यूटेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया तो इसमें 150 रुपए का चार्ज लिया जाने लगा. अब निगम अधिकारियों का तर्क है कि म्यूटेशन की प्रक्रिया के ऑनलाइन हो जाने के बाद से उसके रखरखाव और ऑनलाइन पोर्टल को चलाने पर खर्च ज्यादा हो रहा है. इसको ध्यान में रखते हुए ये बढ़ोतरी की गई है.

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प्रस्ताव के मुताबिक अब संविभाजन शुल्क तो पुरानी दर पर ही वसूला जाएगा लेकिन संपत्ति मालिक की मौत के बाद जब नामांतरण यानि म्यूटेशन 6 महीने बाद कराया जाता है तो आवेदक को लेट चार्ज के बतौर नयी दरों से शुल्क जमा कराना होगा जिसके तहत संयोजन शुल्क 500 रुपए और संविभाजन शुल्क 1000 रुपए होगा यानि कुल 1500 रुपए का शुल्क देय होगा. निगम की उम्मीद है कि इससे राजस्व में खासी बढ़ोतरी होगी.

आपको बता दें कि नॉर्थ एमसीडी में पूरी तरह से ई-म्यूटेशन प्रणाली को लागू किया गया है. जिसमें संपत्ति मालिक का नाम, पता, फोन नंबर आदि देना होता है. इसके अलावा जो कागजात पोर्टल पर अपलोड करने होते हैं उनमें नए संपत्ति मालिक का एफिडेविट, सेल डीड और इसके साथ ही उस संपत्ति पर चुकाए गए सभी हाउस टैक्स की रसीदें शामिल हैं.

स्थाई समिति बनने के बाद से धड़ाधड़ हो रहे फैसले

आपको बता दें कि नॉर्थ एमसीडी में स्थाई समिति का चुनाव सबसे आखिर में हुआ है लेकिन उसके बनने के बाद से ही एक के बाद एक बड़े फैसले लिए जा रहे हैं. ई-म्यूटेशन की दरों में बढ़ोतरी के अलावा स्थाई समिति ने हाल ही में बिना नक्शे में फेरबदल किए संपत्ति के अंदर किए गए निर्माण को नियमित करने के प्रस्ताव को भी पास किया है हालांकि लोगों को इसका लाभ तभी मिल पाएगा जब केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय से प्रस्ताव को हरी झंडी मिलेगी.

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