दिल्ली की सड़कों पर पिछले 2 सालों से चल रहे बैटरी रिक्शा को हटाने के आदेश दिए गए है. दिल्ली चीफ सेक्रेटरी की ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग के बीच हुई मीटिंग के बाद ये फैसला लिया गया.
ऐसे तो दिल्ली में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए कई साधन हैं. ऑटो, बस, मेट्रो, साइकिल रिक्शा. लेकिन पिछले कुछ सालों में राजधानी की सड़कों पर बैटरी से चलने वाले रिक्शे लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गया. ये ऐसे रिक्शे हैं जो मोटर व्हीकल एक्ट के अन्दर नहीं आते क्योंकि परिवहन विभाग में इनका रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाता है. फिलहाल दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी ने बैटरी से चलने वाले इन सभी E- रिक्शा को जब्त करने के निर्देश दिए हैं.
पूरी दिल्ली में करीब डेढ़ लाख E-रिक्शा चलते हैं. एक रिक्शे में करीब 4 सवारी बिठाई जा सकती है. लेकिन रिक्शा चालक मनमानी करते हुए ज्यादा सवारी रिक्शे में बिठा लेते हैं. इससे सवारी पर खतरा बढ़ जाता है. एक तरफ अगर E-रिक्शा को सड़कों से हटा दिया जाता है तो इससे सफ़र करने वाले लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में परेशानी होगी.
हालांकि कुछ सवारियों को लगता है कि बैटरी रिक्शा सड़क से हट जाने पर उन्हें सहूलियत होगी. वहीं, बैटरी रिक्शा चलाने वालों को लगता है की इससे उनके रोजगार पर असर पड़ेगा. उधर, रिक्शे चलाने वालों ने अपना संगठन बनाकर हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है. ऐसे में डेढ़ लाख ई-रिक्शा को सड़कों से हटाना इतना आसान नहीं होगा. देखना ये है कि दिल्ली सरकार आगे क्या फैसला लेती है.