scorecardresearch
 

Earthquake in Delhi: भूकंप से फिर हिली धरती, दिल्ली के इन इलाकों में लगे झटके

दिल्ली में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. शनिवार दोपहर तीन बजकर 36 मिनट पर ये झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.6 आंकी गई है. इससे पहले 6 नवंबर को भी दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.6 मापी गई थी. भूकंप का केंद्र भी नेपाल ही था. दिल्ली के अलावा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भी महसूस किए गए थे. 

Advertisement
X
भूकंप के झटकों से फिर हिली धरती
भूकंप के झटकों से फिर हिली धरती

दिल्ली में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. शनिवार दोपहर 3 बजकर 36 मिनट पर उत्तरी दिल्ली में ये झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.6 आंकी गई है. मॉडल टाउन, नरेला, अलीपुर समेत आसपास के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप आने के बाद दिवाली की तैयारियों में जुटे लोगों में दहशत का माहौल हो गया और सभी लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए. फिलहाल किसी तरह के जान-माल के नुकसान की जानकारी नहीं है.

Advertisement

बता दें कि इससे पहले 6 नवंबर को भी दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.6 मापी गई थी. भूकंप का केंद्र भी नेपाल ही था. दिल्ली के अलावा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भी महसूस किए गए थे. 

क्यों आता है भूकंप?

वैज्ञानिक रूप से समझने के लिए हमें पृथ्‍वी की संरचना को समझना होगा. पृथ्‍वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है और इस पर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती हैं. कई बार ये प्लेट्स आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं. ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है. जब इससे डिस्‍टर्बेंस बनता है तो इसके बाद भूकंप आता है.

Advertisement

कैसे मापी जाती है तीव्रता?

भूकंप को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. रिक्‍टर स्‍केल भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना होता है, इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. ये स्‍केल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है.

जानें रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता के हिसाब से क्‍या हो सकता है असर:

- 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.

- 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.

- 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है.

- 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.

- 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है.

- 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.

Live TV

Advertisement
Advertisement