आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर से चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि चुनाव आयोग जब आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों का केस सुन रहा था, तभी हम कह रहे थे कि वह जिस तरह का बर्ताव कर रहा है वह पक्षपाती है. आम आदमी पार्टी के विधायकों को सुनने का मौका नहीं दिया जा रहा है.
बता दें कि गुजरात और हिमाचल चुनाव के दौरान कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग के खिलाफ पक्षपात करने का आरोप लगाया था. उस दौरान चुनाव आयोग ने सिर्फ़ हिमाचल चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था और गुजरात में मतदान की तारीखों को छोड़ दिया था.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 53 साल से चुनाव आयोग के कानूनी विशेषज्ञ रहे एसके मेहंदीरत्ता ने खुलासा किया है कि आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के संसदीय सचिव और गुजरात चुनाव की तारीखों के मुद्दों पर आयोग के द्वारा उनसे सलाह तक नहीं ली गई थी.
आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि माना जा सकता है कि चुनाव आयोग पक्षपाती है. किसी भी प्रजातंत्र में चुनाव आयोग जैसी संस्था अगर पक्षपाती होगी तो ये बहुत बड़ा खतरा है. ये उतना ही बड़ा खतरा है कि मानो सुप्रीम कोर्ट को ही खत्म कर दिया जाए.
उन्होंने कहा कि अब तो यह साफ़ हो गया है कि चुनाव आयोग को सलाह सीधा प्रधानमंत्री कार्यालय से दी जाती है. उस वक्त के चुनाव आयुक्त एके जोति ने ये फ़ैसले लिए और पूरे देश को पता है कि जोति गुजरात में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री कार्यालय में उनके प्रधान सचिव रहे हैं और वह देश का चुनाव आयुक्त रहते हुए भी उनका ही काम कर रहे थे.