आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों की सदस्यता को लेकर चुनाव आयोग गुरुवार को अहम फैसला सुना सकता है. संसदीय सचिव बनाए जाने के बाद से इन विधायकों की सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है.चुनाव आयोग में इस मामले में आज सुनवाई होगी. सुनवाई के मद्देनजर मुख्य याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल चुनाव आयोग पहुंच चुके हैं.
बीजेपी सांसद और वकील मीनाक्षी लेखी भी पहुंच चुकी हैं. इसके अलावा आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह, शरद चौहान, मनोज कुमार, अनिल वाजपेयी, राजेश गुप्ता, सोमदत्त, सरिता सिंह, अलका लांबा सहित कई विधायक आयोग के दफ्तर पहुंच गए हैं.
चुनाव आयोग ने AAP के उन 21 विधायकों को नोटिस भेजकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था, जिन्हें दिल्ली सरकार ने संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया था. चुनाव आयोग ने संवैधानिक प्रावधान न होने के बावजूद भी संसदीय सचिव बनाए जाने पर 21 विधायकों से जवाब मांगा था.
केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट में जताई थी आपत्ति
विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने के फैसले का विरोध करते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में आपत्ति जताई थी. केंद्र का कहना है कि दिल्ली में सिर्फ एक संसदीय सचिव हो सकता है, जो मुख्यमंत्री के पास होगा. 21 विधायकों को यह पद देने का कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है.
केजरीवाल सरकार ने किया था ये बदलाव
बता दें कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली असेंबली रिमूवल ऑफ डिस्क्वॉलिफिकेशन एक्ट-1997 में संशोधन किया था. इस विधेयक का मकसद संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से छूट दिलाना था, जिसे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नामंजूर कर दिया था. इस मामले में चुनाव आयोग ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से जवाब मांगा था.