दिल्ली में सरकार गठन को लेकर सस्पेंस दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष सतीश उपाध्याय देश के गृहमंत्री व पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात करने वाले हैं. ऐसे में लोगों का ध्यान इस ओर लगा हुआ है कि आखिर दोनों बीच किस समीकरण पर बात होती है.
बहरहाल, दिल्ली में कौन बनाएगा सरकार, यह अब तक साफ नहीं है. कभी बीजेपी की ओर से कोशिश दिख रही है, तो कभी आम आदमी पार्टी की ओर से बयानों के तीर छोड़े जा रहे हैं. खुद बीजेपी में सरकार बनाने को लेकर एक राय नहीं है. इसी बीच सीएम पद के लिए दिग्गज बीजेपी नेता जगदीश मुखी के लिए इंटरनेट पर कैंपेन शुरू हो गया है.
14 फरवरी, 2014 से दिल्ली विधानसभा भंग है. महीनों से राष्ट्रपति शासन लागू है. राजधानी को नई सरकार का इंतजार है. दिल्ली के सियासी गलियारों से कभी खबर आती है कि बीजेपी सरकार बनाने की कोशिश में जुटी है. कभी खबर आती है कि कांग्रेस के कई विधायक टूटने वाले हैं. कभी खबर आती है कि कांग्रेस से अलग होकर विधायक सरकार बनाने के लिए बीजेपी का साथ देने वाले हैं. कभी इन खबरों का गुपचुप समर्थन होता है, तो कभी खंडन.
दिल्ली में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने बीजेपी के सभी विधायकों की बैठक बुलाई थी. बैठक खत्म होने के बाद उन्होंने कहा कि वह रुटीन बैठक थी. लेकिन इस मुलाकात से कई बातें जाने-अनजाने निकलकर सामने आ ही गईं. किसी ने कहा कि चुनाव हुए तो हम तैयार हैं, किसी ने कहा कि जब तक विधानसभा निलंबित है, सरकार बनने की संभावनाएं भी जीवित हैं. साफ है कि बीजेपी एकमत नहीं है कि नए चुनाव के बाद सरकार बनाई जाए या फिर चुनाव से पहले भी कवायद जारी रहे.
दिल्ली में बीजेपी की हर हरकत पर नागपुर में बैठे संघ की नजर बनी हुई है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने साफ कह दिया है कि पार्टी जुगाड़ और जोड़-तोड़ से दूर रहे. संघ ने कहा कि अगर सत्ता हासिल करना है, तो बीजेपी फिर से चुनाव का सामना करे.कुल मिलाकर यह कहना गलत नहीं होगा कि दिल्ली में 'अबकी बार, सस्पेंस सरकार'...