दिल्ली के गाजीपुर में 1 सितंबर को कूड़े के ढेर के ढहने से हुए हादसे में दो लोगों की मौत के बाद से कूड़े का प्रबंधन बहस का विषय बना हुआ है. दिल्ली सरकार ने इस संदर्भ में कार्ययोजना का प्रस्ताव तैयार किया है. इसके मुताबिक उत्तरी दिल्ली के नरेला में सब्जी मंडी के लिए जो स्थान निर्धारित किया गया है, उसमें से कुछ हिस्सा कूड़े को बिजली में तब्दील करने का संयंत्र लगाने के लिए भी आवंटित किया जाएगा. इससे दिल्ली में कूड़े के बढ़ते अंबार की समस्या से कुछ हद तक छुटकारा मिलेगा. हालांकि इस प्रस्ताव का अमल में आना दिल्ली के उपराज्यपाल से मंजूरी मिलने पर निर्भर करेगा.
दिल्ली सरकार से जुड़े सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि इस संदर्भ में शुक्रवार सुबह आपात बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में विकास विभाग के सदस्यों के अलावा विभाग के प्रभारी मंत्री गोपाल रॉय भी मौजूद रहेंगे.
बैठक का उद्देश्य तमाम दिल्ली से एकत्र होने वाले कूड़े के लिए जगह आवंटित करने की कार्ययोजना पर विचार करना है. सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार की बैठक के बाद प्रस्ताव को एमसीडी (नॉर्थ) को भेजा जाएगा. सूत्रों के मुताबिक प्रस्तावित संयंत्र में नरेला सब्जी मंडी के कचरे के अलावा एमसीडी (नॉर्थ) के तहत आने वाले क्षेत्रों के कूड़े को भी निस्तारित किया जा सकेगा.
बता दें कि गाजीपुर में हुए हादसे के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल ने वहां निर्धारित स्थान पर कूड़ा डालने पर रोक लगा दी है. इस हादसे में कूड़े का पहाड़ गिरने की वजह से नहर में बह कर दो लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे के बाद बीजेपी शासित एमसीडी, केंद्र के अधीन डीडीए और आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया था.