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उर्जा मंत्री पीयूष गोयल बोले, 100 दिनों में कोयला आधारित बिजली उत्पादन में 22 फीसद वृद्धि

केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो शुरुआती दिनों से ही सरकार को बिजली चुनौती का सामना करना पड़ा.  100 दिन बाद उर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि कोयले की आपूर्ति कम नहीं है और तीन महीने के दौरान शुष्क ईंधन आधारित बिजली उत्पादन में करीब 22 फीसद की वृद्धि हुई है.

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उर्जा मंत्री पीयूष गोयल की फाइल फोटो
उर्जा मंत्री पीयूष गोयल की फाइल फोटो

केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो शुरुआती दिनों से ही सरकार को बिजली चुनौती का सामना करना पड़ा. कोयला आधारित बिजली उत्पादन को लेकर समस्या सामने आई. लेकिन सरकार ने इस ओर बिजली संकट से पार पाने का भरोसा दिलाया. 100 दिन बाद उर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि कोयले की आपूर्ति कम नहीं है और नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के तीन महीने के दौरान शुष्क ईंधन आधारित बिजली उत्पादन में करीब 22 फीसद की वृद्धि हुई है.

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बिजली और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बिजली घरों में कोयले की कमी का कारण अत्यधिक बिजली उत्पादन के लिए तेजी से भंडार का इस्तेमाल होना है. गोयल ने कहा, 'कोयले की आपूर्ति कम नहीं है. पिछले कुछ साल में कोयले की निकासी योजना के मुताबिक है. वास्तविकता यह है कि कोयले के उत्पादन का नहीं बढ़ना हमें विरासत में मिला है.' उन्होंने आगे कहा कि 100 दिन में कोयले का उत्पादन नहीं बढ़ा सकता, लेकिन सचाई यह है कि उपलब्ध संसाधनों से बिजली आपूर्ति में 22 फीसद की वृद्धि हुई है और ये सभी बिजलीघर कोयला आधारित हैं.

यूपी सरकार खुद जिम्मेदार
पीयूष गोयल ने बिजली क्षेत्र में काम के लिए जहां केंद्र सरकार के प्रयासों की चर्चा की, वहीं उत्तर प्रदेश में बिजली संकट के लिए अखि‍लेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया. ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र पूरी मदद के लिए तैयर है, लेकिन राज्य की ओर से सहयोग नहीं मिल रहा है. गोयल ने कहा कि यूपी में बिजली चोरी पर सरकार का कोई लगाम नहीं है.

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तय किया 2019 का लक्ष्य
गोयल ने कहा कि अवैध कोयला खान आवंटन पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद सरकार तेजी से कदम उठाएगी और 2019 तक कोयला उत्पादन बढ़ाकर एक अरब डॉलर टन तक किया जाएगा.

गौरतलब है कि हाल ही कोयला आवंटन पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 1993 से विभिन्न केंद्र सरकारों के दौरान कोयला खानों का आवंटन अवैध और मनमाने तरीके से किया गया. कोर्ट के फैसले से 218 कोयला खानों और करीब 2 लाख करोड़ रुपये के निवेश पर अनिश्चितता के बादल छा गए.

24 घंटे बिजली के लिए प्रतिबद्धता
बताया जाता है कि चार सितंबर तक देश के 28 बिजली घरों में चार दिन से कम का कोयला बचा था. पीयूष गोयल ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया खानों से तेजी से कोयले की ढुलाई के लिए 250 रेल रैक खरीदने के लिए 5,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार बिजली क्षेत्र की कायापलट करने और सभी घरों, उद्योगों व वाणिज्यिक इकाइयों को 24 घंटे बिजली के साथ ही खेती-बाड़ी के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराने को लेकर प्रतिबद्ध है.

गोयल ने कहा कि सरकार कोयला उत्पादन बढ़ाने को लेकर सभी प्रयास कर रही है और छत्तीसगढ़, झारखंड व ओडिशा में तीन महत्वपूर्ण रेल लाइनों को तेजी से पूरा करने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं. इससे 2017-18 तक 6 करोड़ टन और 2021-22 तक सालाना अतिरिक्त 20 करोड़ टन कोयला आपूर्ति होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि सरकार कोयला खनन परियोजनाओं के लिए तेजी से पर्यावरण मंजूरी सुनिश्चित करेगी. साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम उठाएगी. कोयले की व्यवस्था को युक्तिसंगत बनाने की बात करते हुए कोयला मंत्री ने कहा 32,000 मेगावाट क्षमता के पुराने बिजलीघरों को आधुनिक रूप दिया जाएगा.

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गैस आधारित क्षमता के लिए भी नए कदम
पीयूष गोयल ने कहा कि अटकी पड़ी गैस आधारित क्षमता के समाधान के लिए कई कदम उठाए गए हैं और व्यस्त समय में मांग को पूरा करने के लिए या जरूरत के समय गैस के इस्तेमाल की योजना बनाई गई है. मंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्यों में बिजली ग्रिड सुरक्षा में 7,000 करोड़ रुपये निवेश किए हैं.

गोयल ने कहा कि सरकार को बिजली क्षेत्र में कई समस्याएं विरासत में मिली हैं. 30 करोड़ से अधिक भारतीयों के पास बिजली नहीं पहुंची है. इससे स्वास्थ्य, शिक्षा और आय बढ़ाने के मौकों पर प्रभाव पड़ा है.

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