कोयले की किल्लत को लेकर दिल्ली सरकार के दावों में एक नया दावा जुड़ गया है. अरविंद केजरीवाल सरकार के मुताबिक बिजली आपूर्ति के लिए दिल्ली सरकार 4 गुना महंगी बिजली खरीदने के लिए मजबूर हो गई है. सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली में कोयले से बिजली उत्पादन करने वाला एक भी प्लांट नहीं है. जबकि दिल्ली बिजली सप्लाई करने वाले अन्य राज्यों पर निर्भर है.
सत्येंद्र जैन ने बताया कि साथ ही दिल्ली ने बिजली सप्लाई के लिए देशभर में पॉवर पर्चेस एग्रीमेंट किए हैं जो ज्यादातर नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) के साथ हैं. NTPC के साथ जितनी बिजली देने का एग्रीमेंट हुआ है उससे आधी बिजली ही NTPC दे पा रहा है. जबकि ऐसा कभी नहीं हुआ कि प्लांट्स ने बिजली का उत्पादन आधा कर दिया हो. उन्होंने कहा कि देशभर में जितने भी पावर प्लांट्स हैं वहां बिजली उत्पादन की क्षमता आधी कर दी है. ये साफ है कि जानबूझकर बिजली की कमी पैदा की गई है.
केजरीवाल सरकार में ऊर्जा मंत्री ने दावा किया कि दिल्ली सरकार NTPC से साढ़े 3 हजार मेगावाट बिजली लेती है जो इन दिनों आधी मिल रही है. कम बिजली सप्लाई की वजह से महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है क्योंकि केंद्र के कोटे से मिलने वाली गैस मिलना बंद हो गया है. इसलिए बाजार से गैस खरीदकर बिजली बनानी पड़ रही है. गैस से बिजली उत्पादन 17 रुपये 25 पैसे प्रति यूनिट में बनती है. जबकि 20 रुपये प्रति यूनिट बिजली एक्सचेंज से मिल रही है. जबकि NTPC के साथ किए गए करार के मुताबिक 6 रुपये प्रति यूनिट बिजली मिल पाएगी.
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सत्येंद्र जैन ने आगे बताया कि दिल्ली में 3 पावर प्लांट हैं जो गैस से बिजली उत्पादन करते हैं. इनकी क्षमता 1700 मेगावाट है लेकिन फिलहाल 1300 मेगावाट का उत्पादन ही हो रहा है. लेकिन इसका दाम 17 रुपये 25 पैसे प्रति यूनिट है और इस दाम में बिजली इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं क्योंकि 17 रुपये 25 पैसे प्रति यूनिट बिजली की लागत है, उसमें ट्रांसमिशन का चार्ज 2 रुपये है और फिर ट्रांसमिशन घाटा 10% होता है. सब कुछ मिलाकर बिजली का दाम 24 रुपये प्रति यूनिट बन रहा है जो बहुत महंगा है.
कोयले के ताजा स्टॉक के बारे में बताते हुए सत्येंद्र जैन ने 'आजतक' से कहा कि झज्जर, दादरी पावर प्लांट में 2 दिन का कोयला स्टॉक है.
इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा बिजली की डिमांड के मुताबिक सप्लाई और कोयले की किल्लत से इनकार करने के सवाल पर ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दरअसल NTPC लिखित में बिजली सप्लाई की जानकारी देता है. अगर NTPC का 500 मेगावाट का प्लांट है तो वो 250 मेगावाट देने की बात करते हैं. ऐसे में दिल्ली सरकार 250 मेगावाट से ज़्यादा बिजली की मांग नहीं कर सकती है. NTPC ने लिखकर साफ कह दिया है कि 50% बिजली ही सप्लाई ही करेंगे.
केंद्र सरकार से मांग करते हुए केजरीवाल सरकार में ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली को बिजली सप्लाई करने वाले NTPC के पॉवर प्लांट्स में फुल क्षमता के साथ बिजली उत्पादन किया जाए और कोयले के स्टॉक का इंतज़ाम किया जाए.
दिल्ली में पॉवर कट के सवाल पर सत्येंद्र जैन ने आजतक से कहा कि फिलहाल अगले 2 दिन तक पॉवर कट की स्थिति नहीं बनेगी. लेकिन उत्पादन और कोयले का स्टॉक नहीं बढ़ाया गया तो दिक्कत आ सकती है.