दिल्ली में प्रदूषण से निपटने की कोशिश को लेकर सवालों से घिरी आम आदमी पार्टी सरकार के नेता अब डैमेज कंट्रोल पर उतर आए हैं. पर्यावरण सेस से जुटाए 700 करोड़ का इस्तेमाल न करने पर जवाब देने की बजाय 'आप' प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज फिलहाल केंद्र और एलजी पर ठीकरा फोड़कर, बहानेबाजी कर रहे हैं.
केंद्र और उपराज्यपाल पर फोड़ा ठीकरा
दिल्ली से प्रदूषण खत्म करने की मंशा पर बार-बार सवाल पूछने पर 'आप' प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज गोलमोल जवाब देते नजर आए. सौरभ के मुताबिक दिल्ली सरकार को कई माध्यमों से टैक्स का पैसा आता है. सरकार इन पैसों का उपयोग सार्वजनिक परिवहन सेवा को दुरुस्त करने में करेगी, लेकिन केंद्र सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल जमीन मुहैया नहीं करा रहे हैं.
पर्यावरण सेस से जुटाए 700 करोड़, नहीं हुआ खर्च
आपको बता दें कि स्मॉग की समस्या से जूझ रही दिल्ली में ऑड इवन और हेलीकॉप्टर बारिश कराने में असफल रही केजरीवाल सरकार तब सवालों से घिर गई, जब एक आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ है कि सरकार ने पर्यावरण सेस के जरिए जो 700 करोड़ रुपये इकट्ठा किया है, उसमें से वह सिर्फ 93 लाख रुपये ही खर्च कर पाई है.
सेस की नहीं जरूरत
सौरभ भारद्वाज का दावा है कि सरकार के पास पैसों की कमी नहीं है. पीडब्ल्यूडी विभाग के पास सड़क निर्माण या उसे मेंटेन करने के लिए पर्याप्त बजट है. लिहाजा वहां सेस की जरूरत नहीं है. हालांकि लगातार सवाल पूछने पर भी भारद्वाज यह बताने में नाकाम रहे हैं कि पिछले एक साल में आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली में प्रदूषण खत्म करने लिए जमीनी स्तर पर क्या-क्या कदम उठाए.
बसें खरीदेंगे, पर पार्किंग की जगह कहां...
आम आदमी पार्टी ने अपनी सफाई देते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार जल्द 2000 बसों को खरीद रही है. इनमें 1000 बसें डीटीसी और 1000 बसें कलस्टर हैं. लेकिन इतनी अधिक बसों को खड़ा करवाने की व्यवस्था फिलहाल नहीं है. 'आप' प्रवक्ता सौरभ के मुताबिक कोर्ट के आदेश के बाद मिलेनियम डिपो के बंद होने पर काफी दिक्कतें आई हैं. दिल्ली विकास प्राधिकरण ने जमीन मुहैया कराने को कहा था, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है.
प्रदूषण पर ठोस प्लान बनाने में नाकाम
हैरानी की बात यह रही कि पत्रकारों ने जब सवाल किया कि क्या प्रदूषण की रोकथाम के लिए बसें खरीदना ही पर्याप्त कदम है, तो इस पर सौरभ भारद्वाज स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं बोल सके. सौरभ ने यह जरूर कहा कि केंद्र सरकार इजाजत दे, तो जहाजों के माध्यम से दिल्ली में कृत्रिम बारिश करा सकते हैं, जिसका दिल्ली सरकार पूरा खर्च उठाने को तैयार है. आम आदमी पार्टी इस दौरान प्रदूषण की रोकथाम पर कोई ठोस एक्शन प्लान बताने में भी नाकाम नजर आई है.