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स्मॉग में घुटती दिल्ली, प्रदूषण से बचाव के लिए आखिर कब जागेगी

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की लगातार बिगड़ती हालत से निपटने के लिए कई सख्त कदम फौरन उठाने की जरूरत है, वरना घुटन और चुभन और बढ़ जाएगी. यानी गैस चेंबर और ज्यादा घातक हो जाएगा.

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दिल्ली में खतरनाक स्तर पर वायु प्रदूषण
दिल्ली में खतरनाक स्तर पर वायु प्रदूषण

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बनाई गई दिल्ली एनसीआर के लिए पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (EPCA) के चेयरमैन भूरेलाल का दो टूक कहना है कि हेलिकॉप्टर की बजाय टैंकर में फव्वारे लगाकर भी सफाई की जाय तो प्रदूषण पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कम से कम टैंकर से भी कच्चे इलाकों में तीन चार मीटर ऊंची फुहारें छोड़ कर धूल उड़ने से रोका जा सकता है.

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की लगातार बिगड़ती हालत से निपटने के लिए कई सख्त कदम फौरन उठाने की जरूरत है, वरना घुटन और चुभन और बढ़ जाएगी. यानी गैस चेंबर और ज्यादा घातक हो जाएगा. अब एनसीआर के दायरे में आने वाले राज्यों की सरकारों को फैसला करना है कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण और बचाव के लिए बनाई गई उच्चस्तरीय कमेटी की सिफारिशों को कितनी जल्दी लागू किया जाए.

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कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक

- बिना जिग जैग सर्टिफिकेट वाले ईंट भट्ठे फौरन बंद किये जाएं, कायदे से तो सरकारों को सभी ईंट भट्ठे बंद करने होंगे क्योंकि अभी तो इन राज्यों में एक भी ईंट भट्ठा जिग जैग तकनीक के सर्टिफिकेट वाला नहीं है.

- इमारतें और सड़कें बनाने वाले हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रेशर फौरन बंद किए जाएं.

- इमारतों का निर्माण या ध्वंस फौरन रोका जाए, क्योंकि हवा में प्रदूषण वाले कण बढ़ाने में मलबों की धूल का खास औऱ खतरनाक योगदान है.

- जरूरत पड़े तो ऑड इवन सिस्टम फिर से लागू किया जाए, इसके लिए जनता के लिए भी जरूरी है कि गैस और बिजली बैटरी आधारित वाहन चलाएं.

- पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत बनाना जरूरी है. इसमें सड़क, रेल और मेट्रो की सेवाएं बेहतर करने के साथ साथ इनके फेरे और कोच की तादाद भी बढ़ाना और पीक आवर्स में किराया घटाना लाजिमी होगा.  

- सभी राज्यों में सड़कें बनाने वाली एजेंसियों पर पांच लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाए जो धूल और प्रदूषण को रोकने के समुचित उपाय किये बिना सड़कें बना रही हैं. साथ ही ईपीसीए ने निर्देश दिया है कि ऐसी एजेंसियों पर प्रति स्ट्रेच प्रतिदिन पचास हजार रुपये जुर्माना वसूला जाय.

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- सड़कों की सफाई बिना धूल उड़ाये हो, यानी झाड़ू लगाने या मशीनों से सफाई करने के पहले पानी की फुहारें छोड़ी जाएं.

- दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की ओर से तय की गई अस्पताल जैसी बेहद जरूरी सेवाओं के अलावा दिल्ली-एनसीआर में जेनरेटर चलाने पर पूरी पाबंदी लगाई जाय.

- पार्किंग शुल्क में चार गुना तक बढ़ोतरी फौरन की जाय, ताकि लोग सार्वजनिक वाहनों का उपयोग आवाजाही के लिए करें.

- होटल और रेस्तरां में खाना पकाने और सर्दियों में गर्माहट के लिए कोयले के इस्तेमाल पर रोक लगे. इस बाबत पेटकोक और फर्नेस ऑयल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाए.  

- सभी सघन ट्रैफिक वाली जगहों पर जहां जाम ज्यादा लगता है वहां के ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को सुधारा जाय. जाम भी प्रदूषण बढ़ाने में काफी योगदान करता है.

- जिन ट्रकों पर लदे सामान ना तो दिल्ली या एनसीआर में उतरने हैं और ना ही यहां से लदने हैं यानी जिनका दिल्ली-एनसीआर से कोई लेना देना नहीं उनके एनसीआर में प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाय, उनके लिए वैकल्पिक रास्ते तय हों.

इन निर्देशों के पालन के लिए ईपीसीए ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टास्क फोर्स को भी समन्वय करने को कहा है. ईपीसीए ने सभी स्कूलों को भी निर्देश दिया है कि वो बच्चों की आउटडोर एक्टिविटी भी अगले कुछ दिनों के लिए टाल दें.

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