Padma Awardee Mayadhar Raut Eviction: दक्षिण दिल्ली के खेलगांव में रह रहे 91 वर्षीय उड़िया (ओडिसी) नर्तक और पद्मश्री सम्मान से सम्मानित गुरु मायाधर राउत के सरकारी बंगले को खाली करा लिया गया. मंगलवार को उनके घर पहुंचे अधिकारियों ने उनका सामान उठाकर घर से बाहर कर दिया. राउत ने घर खाली कराने आए अधिकारियों पर पर्याप्त समय ना देने का आरोप लगाया है तो वहीं सरकार ने भी इस आरोप पर सफाई दी है. बता दें कि आने वाले दिनों में 12 अन्य कलाकारों के बंगले भी खाली कराए जाने हैं. इन कालाकारों के पास हाईकोर्ट से रियायत पाने का बुधवार को आखिरी मौका है. बुधवार को 10.30 बजे इस मामले में सुनवाई होगी. हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ के सामने सरकार अपना पक्ष रखेगी कि आखिर घर खाली कराना क्यों जरूरी है.
आजतक से बात करते हुए गुरु मायाधर राउत की बेटी मधुमिता ने कहा कि इस कार्रवाई के पहले उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई. अधिकारी अचानक आए और शाम 5 बजे तक घर खाली करने को कहा. उन्होंने कहा कि घर खाली करने के लिए कम से कम 24 घंटे या एक हफ्ते का नोटिस देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि हम कलाकार हैं, हमारे पास दूसरे घर नहीं हैं, जहां हम तुरंत जा सकें.
मधुमिता ने आगे कहा कि इन कलाकारों में से कई ने उच्च पुरस्कार प्राप्त किए हैं. कई पद्म पुरस्कार विजेता हैं. क्या इन कलाकारों का इतना ही सम्मान किया जाता है? इस कार्रवाई पर 91 साल के कलाकार मायाधर राउत ने भी दुख जताया. उन्होंने कहा जीवन के अंतिम चरण में उन्हें क्यों बेदखल किया जा रहा है. राउत ने कहा कि अधिकारी अंदर आए और चीजों को बाहर फेंकना शुरू कर दिया. अगर उन्होंने हमें नोटिस दिया होता तो हम खुद ही घर खाली कर देते.
वहीं, सरकार का कहना है कि 2008 में आवंटन नीति में बदलाव किया गया, जिसके बाद आवंटन खत्म हो गया है. सरकार का यह भी कहना है कि कई सालों से कलाकारों ने बकाया लाइसेंस शुल्क भी नहीं जमा किया है. बता दें कि जिन 12 कलाकारों का घर और खाली कराया जाना है, उनकी उम्र 70 साल से ज्यादा है. वहीं, जिन मायाधर राउत का घर खाली करा लिया गया, वे 91 साल के हैं.
इस मामले में सरकार और दिल्ली हाई कोर्ट का कहना है कि कलाकार आवंटन अवधि के बाद भी सरकारी आवास पर कब्जा नहीं रख सकते हैं. मौके पर मौजूद MOUD अधिकारी ने बताया कि इस साल जनवरी में ही बेदखली के आदेश पारित हो गए थे. बंगले में रह रहे लोगों की जिम्मेदारी थी कि वे परिसर खाली कर दें. अधिकारी ने कहा कि वे आदेश का पालन कर रहे हैं. राउत के शिष्य मुदित ने बेदखली की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि कई राजनेता सरकारी बंगलों में रुके हुए हैं. झुग्गी और अवैध अतिक्रमण हो रहे हैं, लेकिन वरिष्ठ कलाकारों को कोई मदद नहीं दी जाती है.
इन 12 कलाकारों को भी खाली करना होगा घर
मोहिनीअट्टम नर्तक भारती शिवाजी, कुचिपुड़ी नर्तक गुरु वी जयराम राव, ध्रुपद गायक उस्ताद एफ वसीफुद्दीन डागर, रानी सिंघल, कथक विशेषज्ञ गीतांजलि लाल, लिथोग्राफर केआर सुबन्ना, सारंगी वादक कमल साबरी, देवराज डकोजी, कमलिनी, कलाकार जतिन दास, पंडित भजन सोपोरी और गायिका रीता गांगुली को भी अगले कुछ दिनों में इसी तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. बता दें कि दशकों से, शास्त्रीय नर्तक, चित्रकार, गायक, फोटोग्राफर सहित कई कलाकार सरकारी बंगलों में रह रहे हैं, जो उन्हें केंद्र सरकार ने विवेकाधीन कोटे के तहत आवंटित किए थे. कुछ आवंटन 1980 के दशक के हैं, जबकि को 2000 के दशक की शुरुआत में आवास दिया गया.
मामले में कब-कब क्या हुआ?