दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का रविवार को निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई. इस दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, उनके पति रॉबर्ट वाड्रा, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई वरिष्ठ राजनेता मौजूद थे. शीला दीक्षित का 81 साल की उम्र में शनिवार दोपहर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. वह कुछ समय से बीमार चल रही थीं, जिसके बाद उनका इलाज एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में चल रहा था. दोपहर 3 बजकर 5 मिनट पर उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रख गया. लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. 3 बजकर 55 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली, जिसके बाद देशभर में शोक की लहर फैल गई.
उनके पार्थिव शरीर को निजामुद्दीन स्थित उनकी बहन के घर लाया गया, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, अभिनेत्री शर्मिला टैगोर, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत कई नामी हस्तियों ने श्रद्धांजलि दी. कई नेताओं ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जताया. रविवार को उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय लाया गया, जहां कांग्रेस नेताओं ने उन्हें अंतिम विदाई दी. इसके बाद पार्थिव शरीर को निगमबोध घाट लाया गया, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित और बेटी लतिका सैयद हैं. संदीप दीक्षित कांग्रेस से सांसद रह चुके हैं.
Delhi: UPA Chairperson Sonia Gandhi, Priyanka Gandhi Vadra & Robert Vadra at Nigambodh Ghat where last rites of former Delhi CM Sheila Dikshit were performed, today. pic.twitter.com/XWlRZHtmBx
— ANI (@ANI) July 21, 2019
शीला दीक्षित सबसे ज्यादा तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. 1998 से 2013 तक उन्होंने दिल्ली का शासन संभाला. उन्हें दिल्ली को आधुनिक बनाने का श्रेय दिया जाता है. राजधानी में प्लाईओवर्स का जाल, मेट्रो, अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने का क्रेडिट शीला दीक्षित को हासिल है. 2010 के कॉमनवेल्थ खेलों का आयोजन भी उनके ही कार्यकाल में हुआ था. शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था.Former Delhi Chief Minister and Congress leader Sheila Dikshit was cremated with state honours, today. pic.twitter.com/AXvidT6ubO
— ANI (@ANI) July 21, 2019
बताया जाता है कि उन्हें राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी. शुरुआती पढ़ाई शीला दीक्षित ने दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी से की. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज से आर्ट्स में मास्टर्स डिग्री हासिल की. उनकी शादी आईएएस विनोद दीक्षित से हुई, जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे. शीला दीक्षित साल 1984 में यूपी के कन्नौज से सांसद चुनी गई थीं. लेकिन इसके बाद उन्हें लगातार हार मिली. 1998 में वह लोकसभा चुनाव में पूर्व दिल्ली से खड़ी हुईं, लेकिन बीजेपी के लाल बिहारी तिवारी ने उन्हें मात दी. इसी साल हुए विधानसभा चुनावों में उन्हें जीत मिली और वह मुख्यमंत्री बनीं. साल 2013 में अरविंद केजरीवाल ने उन्हें नई दिल्ली क्षेत्र से मात दी. इसके बाद वह केरल की राज्यपाल भी रहीं.