अरविंद केजरीवाल ने 2012 में संदिग्ध भ्रष्टाचार को लेकर देश के सर्वाधिक ताकतवर लोगों में कुछ पर आरोपों के बम फेंक कर भारतीय राजनीति में दस्तक से पहले अपनी दमदार मौजूदगी का अहसास कराया. लेकिन इस साल लगता है कि काल का चक्का उलटा घूमने लगा है. इंडिया टुडे के पास ऐसे दस्तावेज मौजूद हैं जिनसे दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार में संभावित दुराचार के संकेत मिलते हैं. उसी सरकार के जिसकी कमान ऐसे शख्स के हाथ में है जिसे कभी भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का चेहरा माना जाता था.
जांच के अधीन ऐसे अकाट्य सबूत दिखते हैं जो इशारा करते हैं कि किस तरह मुख्यमंत्री के करीबी रिश्तेदारों ने पीडब्लूडी डिपार्टमेंट की ओर से कमीशन किए गए एक सिविक प्रोजेक्ट के लिए फर्जी बिल जमा किए गए. पीडब्लूडी डिपार्टमेंट अब दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के तहत आता है.
केजरीवाल के दिवंगत साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल के पास रेणु कंस्ट्रक्शन कंपनी का स्वामित्व था. दस्तावेज से पता चलता है कि रेणु कंस्ट्रक्शन कंपनी को 2015 में उत्तर पश्चिम दिल्ली में राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के पास बकली गांव में एक ड्रेनेज प्रोजेक्ट का जिम्मा मिला था. सरकारी रिकॉर्ड्स के मुताबिक रेणु कंस्ट्रक्शन को सबसे कम बोली देने की वजह से प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रेक्ट दिया गया.
एक्सपोज़ हो गये केजरीवाल
आज तक से खास बातचीत करते हुए दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल एक्सपोज़ हो गये हैं, केजरीवाल के साढ़ू को फर्जी बिल का भुगतान हुआ है. मनोज तिवारी बोले कि अब समझ में आता है कि सत्येंद्र जैन अरविंद केजरीवाल को 2 करोड़ क्यों दे रहे थे. इस मुद्दे की जांच होने चाहिए, क्योंकि इसमें सीधे तौर पर केजरीवाल की जिम्मेदारी है. मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि दिल्ली में टैक्स देने वाले लोगों के पैसों को लूटा जा रहा है.
लेकिन अब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने अतीत ऐसा कुछ किया जिसे वो सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं आने देना चाहती थी. दस्तावेज से ऐसे छलपूर्ण तरीकों का संकेत मिलता है जो मुख्यमंत्री के रिश्तेदार की ओर से सरकारी खजाने को चूना लगाने के लिए संभवत: अपनाए गए.
बंसल, जो अब इस दुनिया में नहीं, दस्तावेज के मुताबिक महादेव इंपेक्स से ड्रेनेज सिस्टम के लिए निर्माण सामग्री जुटाते दिखे. लेकिन जब इंडिया टुडे की टीम सोनीपत में इस कंपनी के दिए गए पते- बी-22 इंडस्ट्रियल एरिया पर पहुंची तो इस नाम की कंपनी का नामोंनिशान तक नहीं दिखा.
गैर मुनाफे वाले संगठन रोड एंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन (RACO) ने आरटीआई याचिका के माध्यम से सरकारी दस्तावेज हासिल किए. इन दस्तावेज के मुताबिक गैर अस्तित्व वाली महादेव इंपेक्स की और से दो करोड़ रुपए जितनी मोटी रकम तक के बिल दिए गए, जिसे दिल्ली के पीडब्लूडी डिपार्टमेंट ने हरी झंडी दे दी जबकि प्रोजेक्ट का पूरा होना बाकी था.
याचिकाकर्ता विप्लव अवस्थी के मुताबिक मुख्यमंत्री पर अपने साढ़ू बंसल को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों का उल्लंघन करने का संदेह है.
अवस्थी का कहना है, ‘हमने पीडब्लूडी के कामकाज की समुचित जांच की मांग की है. मुख्यमंत्री इसके दायरे से बाहर नहीं होने चाहिए. उन्हें भी अपने रिश्तेदार से जुड़े जालसाजी के केस की जांच का विषय माना जाना चाहिए.’ इंडिया टुडे के पास उस एफआईआर की भी कॉपी है जो हाल में दिल्ली के एंटी करप्शन ब्यूरो की और से कथित घोटाले की जांच के लिए दर्ज की गई है.
केजरीवाल के विस्तृत परिवार के अहम सदस्य की और इशारा करने वाला ये घोटाला ऐसे वक्त में आया है जब आम आदमी पार्टी खुद बर्खास्त किए गए मंत्री कपिल मिश्रा की और से आरोपों की बमबारी का सामना कर रही है. कपिल मिश्रा ने केजरीवाल, उनकी सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन और यहां तक कि बंसल को भी आरोपों का निशाना बनाया है.
हालांकि मुख्यमंत्री के परिवार ने बागी तेवर अपनाने वाले मिश्रा के सभी आरोपों को खारिज किया है. साथ ही कहा है कि इसकी पटकथा राजनीतिक विरोधियों की और से लिखी गई है. केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने मिश्रा के आरोपों के जवाब में ट्वीट्स की झड़ी लगा दी. सुनीता केजरीवाल ने ट्वीट में लिखा- ‘मेरे जीजा इस दुनिया में नहीं हैं और ये मूर्ख व्यक्ति अपने दिमाग का इस्तेमाल किए बिना लिखी हुई स्क्रिप्ट को पढ़ रहा है.’ इस बीच दिल्ली सरकार ने पीडब्लूडी ड्रेन घोटाले में किसी तरह की भी संलिप्तता से इनकार किया है.
सार्वजनिक कार्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘ये कॉन्ट्रेक्ट (बंसल को) आम आदमी पार्टी की सरकार आने से पहले प्रतिस्पर्धात्मक बोली के बाद जनवरी 2015 में दिया गया था. हम सत्ता में फरवरी 2015 में आए.’
जैन ने कहा कि मंत्री हर कंपनी के भुगतान में शामिल नहीं है. दिल्ली में ऐसी हजारों कंपनियां काम कर रही हैं. जब जैन से उन फर्जी बिलों के बारे में पूछा गया जो कथित तौर पर बंसल की ओर से बोगस कंपनी के नाम से पीडब्लूडी डिपार्टमेंट के पास मंजूरी के लिए भेजे गए तो उन्होंने कहा कि ये सवाल उनसे नहीं पीडब्लूडी सचिव से पूछा जाना चाहिए.
जैन ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी सरकार ने बंसल के कुछ कॉट्रेक्ट्स को निरस्त भी किया.