पुलिस हेडक्वार्टर के सामने विरोध प्रदर्शन के खिलाफ नोटिस दिए जाने के मामले में दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेद भूषण अपना बयान जारी किया है. उनका साफ तौर पर कहना है कि दिल्ली की पुलिस फोर्स में एसोसिएशन तो नहीं बनाई जा सकती लेकिन यह लोग जो पुलिस हेड क्वार्टर के सामने इकट्ठा हुए वह गैरकानूनी तौर पर नहीं थे. बल्कि वे लोग सीनियर्स को अपनी बात पहुंचाने के लिए इकट्ठा हुए थे.
'उठने लगी है पुलिस प्रोटेक्शन एक्ट की मांग'
प्रदर्शन में शामिल पुलिसवालों का साफ तौर पर कहना है, 'जिस तरह से डॉक्टरों को अस्पताल में काम करने के दौरान सुरक्षा मिली है ठीक उसी तरह से जब भी कोई पुलिसकर्मी ड्यूटी पर हो उसके साथ मारपीट, छेड़खानी या फिर कोई अनियमितता जैसी बात हो तो यह सब कुछ एक एक्ट में कवर होना चाहिए.' हालांकि सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के बाबत इंडियन पीनल कोड में प्रावधान हैं.
वकीलों के भेष में कहीं 'शरारती तत्व' तो नहीं उठा रहे फायदा
न्यू दिल्ली बार एसोसिएशन के सेक्रेटरी नगेंद्र कुमार ने कहा, 'शरारती तत्वों के होने से साफ तौर पर इंकार किया. उनका कहना है, 'जैसे ही वकीलों की सभी मांगें मान ली जाएंगी स्ट्राइक बंद हो जाएगी.' संयमित वकील और कानून में विश्वास रखने वाले ऐसी गुंडागर्दी का हिस्सा नहीं है.
'महिला वकीलों का सत्याग्रह'
पटियाला हाउस कोर्ट की वरिष्ठ क्रिमिनल लॉयर सुनीता ने कहा, 'महिला वकीलों के साथ जिस तरह से अभद्रता हुई उसके खिलाफ ये सत्याग्रह जारी रहेगा.