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दिल्ली के प्रदूषण और रहस्यमयी चीनी वायरस को लेकर विशेषज्ञों ने चेताया, इन बातों का रखें खास ख्याल

चीनी निमोनिया को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्क है, संक्रमण और संक्रामक रोग प्रबंधन कमेटी के एक्सपर्ट लगातार चीन में बढ़ते h9 N2 नामक संक्रामक से निमोनिया के बढ़ते कारण को लेकर एक्टिव हैं. इस बीच विशेषज्ञों ने भी इससे बचने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं.

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दिल्ली में प्रदूषण के बीच एक्सपर्ट्स की चेतावनी
दिल्ली में प्रदूषण के बीच एक्सपर्ट्स की चेतावनी

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार हो गया है. वहीं रियल टाइम डाटा में कुछ सुधार के बाद भी कई इलाकों की एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत खराब कैटेगरी में बना हुआ है. इन सब के बीच NDMC ने 17,000 लीटर की सबसे बड़ी क्षमता वाली एंटी स्मॉग गन एरिया में तैनात कर दी है, जो कि पूरी तरह से सीएनजी पर आधारित है.

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नवंबर के महीने में पॉल्यूशन का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट आरके पुरम कई दिनों तक गंभीर कैटेगरी में बना रहा. आज भी आरके पुरम का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार हो गया है. अधिकतर प्रदूषण के आंतरिक कारकों के तौर पर वाहनों का प्रतिशत ज्यादा है.

कोरोना के बाद चीनी निमोनिया से अलर्ट 

चीनी निमोनिया को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्क है, संक्रमण और संक्रामक रोग प्रबंधन कमेटी के एक्सपर्ट लगातार चीन में बढ़ते h9 N2 नामक संक्रामक से निमोनिया के बढ़ते कारण को लेकर एक्टिव हैं. लिहाजा चुनौतियों से निपटने के लिए ICMR के विशेषज्ञों की आपात बैठक के बाद यह तय हुआ कि भारत के बच्चों पर इसका असर नहीं होगा.

मास्क ही एक मात्र उपाय

प्रदूषण और ऊपर से चीन की रहस्यमयी बीमारी के बीच घर से बाहर निकलें तो मास्क जरूर लगाएं. यह न केवल प्रदूषण से बचाएगा, बल्कि संभावित बीमारियों से भी रक्षा करेगा. डॉ अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि यह चीनी सांस की बीमारी है और हवा से ही फैलती है. ऐसे में  मास्क लगाकर रखने से प्रदूषण और बीमारी दोनों से बचाव होगा. 

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मिस्टीरियस निमोनिया का खतरा 

चीनी निमोनिया को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट पर है और सतर्कता बरतने का निर्देश दिया जा चुका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों को अलर्ट कर दिया है और चीन से जानकारी भी मांगी है. हालांकि केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन अभी तक नहीं आई है. लेकिन मौसम में बदलाव और वायु प्रदूषण के चलते सांस के मरीजों की संख्या बड़ी है. जुकाम, खांसी, बुखार और सांस लेने में परेशानी के 80% मरीजों में फेफड़े का संक्रमण मिल रहा है. हालांकि यह निमोनिया के स्तर वाला नहीं है. चीन में h3n9 वायरस की पुष्टि हो गई है, यह फेफड़ों को संक्रमित करता है. सांस संबंधी बीमारी फैलने वाले वायरस अक्सर ड्रॉपलेट के जरिए फैलते हैं. इसलिए जरूरी है कि मास्क का प्रयोग किया जाए h3n9 वायरस संबंधी जांच जिनोम सीक्वेंसिंग के जरिए संभव है.

फ्लू और निमोनिया का टीका लगवाएं

इस सीजन में फ्लू है 50 और 60 साल से ऊपर अपने आप को फ्लू और निमोनिया का टीका लगवाएं. जिससे लंग्स मजबूत रहें और इम्यूनिटी अच्छी रहे. क्योंकि जिन बड़ी उम्र के लोगों को निमोनिया के टीके लगे थे, उनमें कॉम्प्लिकेशंस बहुत कम हुआ है.

ऐसे ठीक रहेगी इम्यूनिटी

डॉ. संदीप गर्ग के मुताबिक सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए घर से बाहर न निकलें. घर के अंदर ही योग करें. सुबह के वक्त ठंड की वजह से प्रदूषण का स्तर ज्यादा होता है. ऐसे में वह लंग्स को प्रभावित कर सकता है. वे कहते हैं कि बाहर एक्सरसाइज से बचें. ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और हाइड्रेशन को मेंटेन रखें.

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