फेसबुक मामले में दिल्ली विधानसभा ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. दिल्ली विधानसभा की ओर से कहा गया कि हमने फेसबुक इंडिया के प्रमुख अजीत मोहन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है और ना ही हमारा कोई इरादा है. कोर्ट के समक्ष दायर हलफनामे में विधानसभा ने कहा है कि एक गवाह के रूप में अजीत मोहन चुप रहने के अधिकार का दावा नहीं कर सकते.
विधानसभा ने कहा कि अजीत मोहन इससे पहले भारत और अमेरिका में भी संसदीय समितियों के समक्ष पेश हो चुके हैं. जवाब में आगे कहा कि कि चुप रहने के अधिकार का चयन नहीं किया जा सकता है. बता दें कि दिल्ली विधानसभा की शांति व सद्भाव पैनल ने फेसबुक इंडिया के प्रमुख को 10 और 18 सितंबर को विधानसभा की स्थायी समिति के समक्ष पेश होने का नोटिस दिया था.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में जब इस केस की सुनवाई हुई थी तो दिल्ली विधानसभा की शांति और सौहार्द समिति की ओर से अपना पक्ष रखते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि हमें फेसबुक को सुझाव देने की जरूरत है कि कैसे इसके दुरुपयोग को रोका जाए. विधानसभा की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में फेसबुक इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर की ओर याचिका दाखिल की गई थी. अजीत मोहन ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली विधानसभा की कमेटी द्वारा भेजे गए नोटिस को चुनौती दी थी.
तब शांति और सौहार्द समिति की ओर से कोर्ट में अपनी बात रखते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि दिल्ली विधानसभा की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. हमें फेसबुक को यह सुझाव देने की जरूरत है कि कैसे उसके दुरुपयोग को रोका जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि फेसबुक को आरोपी के रूप में नहीं बुलाया गया है.