अगर आप दुपहिया वाहन चलाते हैं तो ये खबर आपको हैरान कर देगी. जिस ISI मार्क को देखकर आप हेलमेट खरीदते हैं, वो नकली भी हो सकता है.
जी हां, यह चौंकाने वाला खुलासा दिल्ली आज तक की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में हुआ है. आज तक की टीम ने इसकी जांच करने के लिए अलग-अलग इलाकों से चार हेलमेट खरीदे. इनमें से दो हेलमेट करोल बाग से और दो एनएच 24 से खरीदे गए.
सभी हेलमेटों पर ISI का मार्क लगा था और खरीदारी करते वक्त दुकानदारों ने भरोसा दिलाया कि ये हेलमेट मजबूत हैं और सालों साल साथ निभाएंगे. बहरहाल, इनकी मजबूती जानने का एक ही तरीका था और वो था क्रैश टेस्ट. ट्रैफिक एक्सपर्ट शैलेश सिन्हा की मदद से आज तक की टीम ने इन हेलमेट्स का क्रैश टेस्ट किया.
इसके लिये सिन्हा ने एक 5 किलो वजनी हथौड़ा इस्तेमाल किया. सबसे पहले करोल बाग से खरीदे ISI मार्क हेलमेट पर क्रैश टेस्ट किया गया. हथौड़े के एक वार में ही हेलमेट टूट गया और हथौड़ा उसके अंदर घुस गया.
इसके बाद NH-24 से खरीदे गए ISI मार्क हेलमेट पर क्रैश टेस्ट किया गया. ये भी हथौड़े के एक वार से ही चकना चूर हो गया. फिर करोल बाग से खरीदा गया फैंसी हेलमेट भी इस टेस्ट में टिक नहीं सका. बिना ISI मार्क का हेलमेट भी हथौड़े से हार गया.
ट्रैफिक सेफ्टी एक्सपर्ट शैलेश सिन्हा ने बताया कि दिल्ली के कई इलाकों में घरों के अन्दर अवैध हेलमेट की फैक्ट्रियां चल रहीं हैं और वहीं ये नकली हेलमेट बनाए जा रहे हैं. सिन्हा ने बताया कि ये हेलमेट किसी की भी जान नहीं बचा सकते और सरकार से ऐसी फैक्ट्रियों पर लगाम कसने की मांग कई बार की जा चुकी है.
हर रोज हादसे में मारे जाते हैं लोग
एक आंकड़े के मुताबिक हर दिन भारत में करीब 20-25 दुपहिया वाहन चालक सड़क हादसों में मारे जाते हैं. इनमें से ज्यादातर मौतें सिर में लगी चोट की वजह से होती हैं. अगर ISI मार्क हेलमेट भी नकली निकले, तो फिर दुपहिया वाहन चालक भगवान भरोसे ही हैं.