scorecardresearch
 

दिल्‍ली में चल रहे हैं 6 फर्जी विश्‍वविद्यालय

बाहरवीं की परिक्षाएं खत्‍म होने वाली है यानी आंखों में कॉलेज लाइफ के सपने लिए कुछ युवाओं के लिए बहुत जल्द शुरू हो जाएगी कॉलेज में दाखिले की दौड़. ऐसे में दिल्ली की सड़कों पर कई यूनिवर्सिटी और कॉलजों के पोस्‍टर्स दिखने भी शुरू हो गए हैं. लेकिन क्या आप जानते है कि इनमें से कई कॉलेज यूजीसी से मान्‍यता प्रान्‍यता प्राप्‍त नहीं हैं यानी फर्जी हैं.

Advertisement
X

बाहरवीं की परिक्षाएं खत्‍म होने वाली है यानी आंखों में कॉलेज लाइफ के सपने लिए कुछ युवाओं के लिए बहुत जल्द शुरू हो जाएगी कॉलेज में दाखिले की दौड़. ऐसे में दिल्ली की सड़कों पर कई यूनिवर्सिटी और कॉलजों के पोस्‍टर्स दिखने भी शुरू हो गए हैं. लेकिन क्या आप जानते है कि इनमें से कई कॉलेज यूजीसी से मान्‍यता प्रान्‍यता प्राप्‍त नहीं हैं यानी फर्जी हैं, जहां लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी नौकरी की कोई गैरंटी नहीं.

Advertisement

चारों ओर बैनर्स और विज्ञापन की भरमार है. जहां नजर डालो वहां आपके भविष्य को बनाने के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं. लेकिन ये वो कॉलेज और यूनिवर्सिटी हैं जो युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. घर बैठे एक साल में बीए करें, अगर आप बाहरवीं फेल है तो भी आप टीचर बन सकते हैं. कोई भी इन वादों की तरफ आसानी से आकर्षित हो सकता है. लेकिन इससे पहले कि आप भी इनके झांसे में फंस जाए, जरा ठहरिए...क्या आप जानते हैं कि ये वो कॉलेज या विश्‍वविद्यालय हैं जिन्हें यूजीसी से मान्यता नहीं मिली है. दरअसल यूजीसी की वेबसाइट पर दिल्ली के 6 ऐसे विश्वविद्यालयों के नाम हैं जिनका संचालन अवैध रूप से दिल्ली में हो रहा है.

यूजीसी के मुताबिक दिल्ली में चल रही फर्जी यूनिवर्सिटी के नाम हैं.

Advertisement

1. वाराणसी संस्कृत विश्वविद्यालय
2. कमर्शियल यूनिवर्सिटी
3. युनाइटेड नेशन यूनिवर्सिटी
4. वोकेशनल यूनिवर्सिटी
5. एडीआर यूनिवर्सिटी और
6. आईआईएसई यूनिवर्सिटी

इन विश्‍वविद्यालयों की हकीकत जानने के लिए जब आज तक ने पड़ताल की तो ज्‍यादातर विश्‍वविद्यालयों के पते फर्जी निकले. दरियागंज के पोस्‍ट ऑफिस बिल्‍डिंग में दूसरे फ्लोर पर चल रही है कमर्शियल यूनिवर्सिटी, वो भी सिर्फ एक ही हॉल में. यहां पहुंचकर स्टाफ से बात करने पर पता चला कि यूनिवर्सिटी कई साल पहले बंद हो चुकी है.

इन फर्जी विश्‍वविद्यालयों के अपने तर्क हैं लेकिन यूजीसी की वेवसाइट इनकी पोल खोलने के लिए काफी है. जानकारों का भी मानना है कि इन कॉलेजों के झांसे में अगर आ गए तो इनके जाल से निकलना मुश्किल है. जब बात आपके भविष्य की हो तो जरा सी चूक आगे चलकर बड़ी परेशानी बन सकती है.

टाइम के डायरेक्‍टर उलहास वैरागकर कहते हैं, कई बार छात्र हमारे पास आते हैं कि हमारा स्कोर अच्छा नहीं है लेकिन उनके पास पत्र आते हैं उन्हें दाखिला मिल रहा, लेकिन मैं कहूंगा कि जो आसानी से हो उस कॉलेज की डिग्री की क्या अहमियत होगी.

छात्रों के भविष्य के साथ खुले आम खिलवाड़ हो रहा है. शिक्षण संस्थान यूजीसी से मान्यता प्राप्त नहीं होने के बाद इन छात्रों को क्या भविष्य देंगे.

Advertisement

दिल्ली की तंग गलियों के बीच कई ऐसे कॉलेज चल रहे हैं जो न सिर्फ पास करने की गारंटी देते हैं बल्कि नौकरी दिलाने का भी भरोसा दिलाते हैं. लेकिन हकिकत कुछ और ही है.

इन फर्जी विश्‍वविद्यालयों के दावों को जानने के लिए फोन करने पर एक जगह से जो जवाब मिला वो तो हैरत में डालने वाला था. फोन पर उस व्‍यक्ति ने बताया कि फेल होने के बावजूद भी हमें बीए की डिग्री दिला देगें. लेकिन जो डिग्री मिलेगी वो यूजीसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी की नहीं होगी.

इन फर्जी विश्‍वविद्यालयों के भरोसे बिना मेहनत घर बैठे आप ग्रैजुएट तो बन जाएंगे. लेकिन ये वो डिग्री है जो आपको कहीं भी अच्छी नौकरी नहीं दिला सकती. ऐसे कॉलेज और विश्‍वविद्यालय पैसे कमाने के लिए आपके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, उन्‍हें सफल ना होने दें.

Advertisement
Advertisement