दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में सड़क पर कार छीनने के प्रयास का विरोध करने पर बदमाशों ने टैक्सी चालक को वाहन के पिछले पहिये के नीचे दो किलोमीटर से अधिक दूरी तक घसीटा, जिससे उसकी मौत हो गई. टैक्सी ड्राइवर की पहचान बिजेंदर शाह के रूप में हुई है जो बिहार के रहने वाले थे और परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे.
बिजेंदर अपनी बेटी को एक सिविल सेवक बनते देखना चाहते थे. वह अपने पीछे अपनी पत्नी, और पांच बच्चों को छोड़ गए हैं. बिजेंदर की मौत के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं जिनका उत्तर मिलना बांकी है, जैसे किराए के घर का लोन घर का किराया कौन देगा? कार ऋण का भुगतान कौन करेगा और परिवार का भरण-पोषण कौन करेगा?
आरोपी अरेस्ट
घटना के कुछ घंटों बाद दिल्ली पुलिस ने दो कार चोरों- मेहराज सलमानी (33) और आसिफ (24) को पकड़ने का दावा किया. आरोपियों ने टैक्सी चालक को उसकी कार से धक्का दे दिया और वाहन के साथ उत्तर प्रदेश के मेरठ भाग गए. पुलिस ने बताया कि चोरी की गाड़ी भी बरामद कर ली गई है.
बिजेंदर ने मार्च में कार खरीदने के लिए कर्ज लिया था और आजीविका कमाने के लिए इसे किराए पर कैब के रूप में चला रहे थे, लेकिन मंगलवार को लुटेरों ने उनकी कार छीन ली - और वह परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे. पुलिस ने बुधवार को बताया कि वसंत कुंज इलाके में एक व्यस्त सड़क पर कार छीनने के प्रयास का विरोध करते समय 43 वर्षीय व्यक्ति की खुद के वाहन के पिछले पहिये के नीचे 2 किमी. तक घसीटे जाने के बाद दर्दनाक मौत हो गई.
परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे बिजेंदर
बुधवार को सफदरजंग अस्पताल के शवगृह के बाहर इंतजार करते हुए बिजेंदर शाह के रिश्तेदार और दोस्त भी उसके परिवार को लेकर चिंतित थे. मृतक के छोटे भाई नागेंद्र शाह ने कहा, 'वह अपने परिवार के लिए एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे. वे किराए के मकान में रहते हैं. उनका खर्च - किराया और आजीविका के लिए दैनिक खर्च - कौन वहन करेगा?'
नागेंद्र शाह ने बताया कि उनका भाई अपने परिवार के साथ हरियाणा के फरीदाबाद में रहते थे. उन्होंने किराये पर कैब चलाने के लिए ऋण पर नई कार खरीदी. बुधवार को दोपहर 2 बजे के आसपास, बिजेंदर ने अपने परिवार के सदस्यों को सूचित किया कि उसे एक यात्री मिला है. शाम 7 बजे के आसपास, उनकी पत्नी ने बिजेंदर को फोन किया और सब्जियां खरीदने के लिए पैसे मांगे .उन्होंने पैसे ऑनलाइन भेजे थे.
परिवार पर आया संकट
उनके तीन बच्चे यहां पढ़ते हैं और दो बेटियां बिहार के मोतिहारी जिले में रहती हैं. नागेंद्र ने बताया, 'हम चाहते हैं कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए. परिवार के सदस्यों को मुआवजा मिलना चाहिए ताकि वे जीवित रह सकें और उनकी बेटी वह बन सके जो उनके पिता चाहते थे.' बिजेंदर शाह की सबसे बड़ी बेटी दिल्ली विश्वविद्यालय के देशबंधु कॉलेज से इतिहास (ऑनर्स) की पढ़ाई कर रही है. पीड़ित के 12 वर्षीय बेटे आकाश ने बताया कि पुलिस ने बिहार में उसके चाचा को घटना के बारे में सूचित किया.
आकाश ने बताया, 'पुलिस ने बिहार में रहने वाले मेरे चाचा रंजीत को बुलाया और उन्हें घटना के बारे में बताया, जिन्होंने बाद में हमें लगभग 2 बजे फोन किया और मेरे पिता के ठिकाने के बारे में पूछा? मैंने उन्हें बताया कि वह काम पर गए हुए थे. फिर मेरे चाचा ने हमें जाने के लिए कहा अपने पिता की तस्वीर के साथ पुलिस स्टेशन गया. जब हम वहां पहुंचे, तो हमें घटना के बारे में बताया गया.' आकाश ने बताया कि उनके पिता ने 2012 में कैब चलाना शुरू किया था.
बेटी को बनाना चाहते थे सिविल सेवक
पीड़ित के पड़ोसी विनोद पासवान ने बताया कि वे बीते कई वर्षों से साथ रह रहे हैं. विनोद ने बताया,'हम मध्य दिल्ली में एक साथ रहते थे और ऑटो-रिक्शा चलाते थे. इससे पहले 1996 में, लगभग दो वर्षों तक रिक्शा चलाया था. शाह ने शहर में अपने शुरुआती दिनों के दौरान बहुत संघर्ष किया था. उनकी बेटी बहुत बुद्धिमान है और वर्तमान में देशबंधु कॉलेज में पढ़ रही है. वह यूपीएससी परीक्षा की भी तैयारी कर रही है और पूरा परिवार चाहता था कि वह एक सिविल सेवक बने.'
दिल्ली पुलिस ने बताया कि उसे रात 11.30 बजे वसंत कुंज उत्तरी में NH-8 सर्विस रोड के पास एक व्यक्ति का शव पड़ा होने की सूचना मिली. अधिकारियों ने कहा कि ऐसा संदेह है कि पीड़ित पर डकैती के दौरान हमला किया गया था. पासवान ने यह भी बताया कि कि बिजेंदर करीब दो साल पहले सूर्या कॉलोनी, सेहतपुर, फरीदाबाद में रहने आ गए थे, इसस पहले वह पूर्वी दिल्ली में अक्षरधाम के पास रहते थे.