मॉनसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान किसान संसद घेरने की तैयारी में हैं. दिल्ली पुलिस और संयुक्त किसान मोर्चा के बीच बैठक में किसानों ने कहा कि वे संसद सत्र के दौरान ही संसद के बाहर, यानी जंतर-मंतर पर तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ धरना देंगे. उन्होंने दावा किया कि 200 की संख्या में किसान 5 अलग-अलग बसों में सवार होकर दिल्ली कूच करेंगे. इस बीच दिल्ली पुलिस और DDMA की ओर से जंतर-मंतर पर किसानों को रैली करने की अनुमति दे दी गई है.
दिल्ली पुलिस सूत्र का भी कहना है कि करीब 200 के आसपास किसान कल गुरुवार को बसों के जरिये जंतर-मंतर आएंगे और यहीं पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे. पुलिस निगरानी में यह बस जंतर-मंतर पहुंचेगी.
पुलिस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जंतर-मंतर पर सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं. किसान सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर जंतर-मंतर पहुंचेंगे. जंतर-मंतर पर चर्च साइड उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से बैठाया जाएगा.
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जंतर-मंतर और किसानों की सुरक्षा के मद्देनजर पांच पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बलों की 5 कंपनियां जंतर-मंतर पर तैनात की जाएंगी. सभी के पहचान पत्र चेक करने के बाद ही बैरिकेड के अंदर जाने दिया जाएगा. किसान शाम 5 बजे अपना प्रदर्शन खत्म कर वापस सिंधु बॉर्डर लौट जाएंगे.
दिल्ली पुलिस की ओर से भी किसानों को जंतर-मंतर पर सशर्त प्रदर्शन की अनुमति दी गई है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि किसानों को इस शर्त के साथ जंतर-मंतर पर विरोध करने की अनुमति दी गई है कि संयुक्त किसान मोर्चा के लिए उनकी संख्या 200 से अधिक नहीं होगी और किसान मजदूर संघर्ष समिति के लिए 6 व्यक्ति प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक, लिखित रूप में आश्वस्त देंगे कि वे करेंगे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे.
Farmers have been permitted to protest at Jantar Mantar with a condition that their numbers won't exceed 200 for Samyukt Kisan Morcha & 6 persons for Kisan Mazdoor Sangharsh Committee b/w 11 am-5 pm daily, on being assured in writing that they would remain peaceful: Delhi Police pic.twitter.com/p4YIgMJMNd
— ANI (@ANI) July 21, 2021
DDMA से मिली अनुमति
इस बीच DDMA से जंतर-मंतर पर किसानों को रैली करने की अनुमति मिल गई है. हालांकि यह भी कहा गया है कि किसानों को कोरोना संयमित व्यवहार करना होगा. DDMA की ओर से प्रदर्शन की अनुमति 22 जुलाई से 9 अगस्त तक मिली है. इस दौरान किसान संगठनों की ओर से अधिक से अधिक 200 किसान ही वहां पर सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक प्रदर्शन कर सकेंगे.
सभी खुफिया एजेंसियां अलर्ट
कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के प्रदर्शन के बीच कल गुरुवार को संसद तक मार्च निकलना है. किसान संगठनों ने इसका ऐलान पहले ही कर रखा है. इस मार्च को देखते हुए राजधानी में सभी खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर हैं.
इसी साल की शुरुआत में किसानों के प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में 26 जनवरी को जमकर बवाल हुआ था. ऐसे में अब दिल्ली पुलिस अलर्ट पर है. खुफिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि 22 जुलाई को किसान संगठन बड़े पैमाने पर प्रोटेस्ट कर सकते हैं, ऐसे में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है.
कई राज्यों से आ रहे किसानः मोर्चा
इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि पूरे मॉनसून सत्र के दौरान संसद के निकट "किसान संसद" चलेगा. इसके लिए तैयारी भी की जा रही है. भारत के कई राज्यों से दिल्ली के विभिन्न मोर्चों पर किसानों का दस्ता पहुंच रहा है.
कल से मॉनसून सत्र समाप्त होने तक संसद के प्रत्येक कार्य दिवस पर, संयुक्त किसान मोर्चा की 200 किसानों की टुकड़ी जंतर-मंतर पर पहुंचकर सरकार के विरोध में अपनी किसान संसद आयोजित करेगी. मोर्चा ने बताया कि संसद विरोध मार्च में शामिल होने के लिए किसानों का 2 जत्था दिल्ली के लिए रवाना हो गया है. इसी तरह कर्नाटक, तमिलनाडु और अन्य दूर के राज्यों से भी किसानों की टुकड़ी पहुंच रही है.
मोर्चा ने कहा कि भारत सरकार का संसद में बयान कि 'किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं' एक सच्चाई है, लेकिन यह शर्मनाक है कि सरकार के पास किसान आंदोलन में हुई मौतों का कोई आंकड़ा नहीं है. मोर्चा ने कहा कि हरियाणा में सिरसा प्रशासन के साथ किसानों का टकराव जारी है. वहां पर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन आज चौथे दिन में पहुंच गया है.
अलर्ट पर सात मेट्रो स्टेशन
इस बीच मॉनसून सत्र के दौरान किसानों (Farmers) के संसद (Parliament) घेराव के ऐलान के मद्देनजर दिल्ली के सात मेट्रो स्टेशनों (Metro Stations) को अलर्ट पर रखा गया है. जरूरत पड़ने पर इन मेट्रो स्टेशनों को कभी भी बंद किया जा सकता है.
इस संबंध में दिल्ली मेट्रो पुलिस की ओर से डीएमआरसी को एक पत्र लिखा गया है. जिन मेट्रो स्टेशनों को अलर्ट पर रखा गया है, उनमें जनपथ, लोक कल्याण मार्ग, पटेल चौक, राजीव चौक, केंद्रीय सचिवालय, मंडी हाउस और उधोग भवन मेट्रो स्टेशन शामिल हैं.
इससे पहले रविवार को सिंघु बॉर्डर के पास मंत्रम बैंक्विट हॉल में हुई बैठक में ज्वाइंट सीपी और डीसीपी स्तर के अधिकारी मौजूद रहे थे. बैठक में किसानों की ओर से 9 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल मौजूद था.