दिल्ली हाई कोर्ट ने किसान गजेंद्र सिंह को शहीद का दर्जा देने को लेकर दिल्ली कैबिनेट के फैसले और अरविंद केजरीवाल सरकार की खिंचाई की है.
गौरतलब है कि बीते अप्रैल महीने में आम आदमी पार्टी की एक रैली के दौरान किसान गजेंद्र सिंह ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. चीफ जस्टिस जी रोहिणी की बेंच ने कहा, 'हमने पहले आपसे कैबिनेट का निर्णय दिखाने को कहा था, लेकिन उसके बावजूद कोई जवाब नहीं मिला है. यह एक जनहित याचिका है. यहां तक कि आपका वकील भी यहां पर जवाब देने के लिए नहीं है.'
'वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं करते'
कोर्ट ने कहा कि यदि आपका वकील अनुपस्थित है तो आप कोई वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं कर सकते. बेंच ने 'आप' सरकार को उसके कैबिनेट का निर्णय दिखाने के लिए और समय दिया और मामले की अगली सुनवाई 14 अक्तूबर तय कर दी.
अदालत ने गत एक जुलाई को उस अर्जी पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा था, जिसमें किसान को शहीद का दर्जा देने के निर्णय को यह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि आत्महत्या एक अपराध है और उसका महिमामंडन नहीं किया जा सकता.
-इनपुट भाषा से