बिजली बिलों में बढ़ाये गए सरचार्ज ने दिल्ली के किसानों की कमर तोड़ दी है. पहले किसानों को प्रति माह प्रति किलोवॉट महज 25 रुपये देने होते थे, जिसे बढ़ाकर 135 रुपये कर दिया गया. ऐसे में किसानों को 110 रुपये प्रति माह प्रति किलोवॉट अधिक देना पड़ रहा है. हाल ही में आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री खुले मंच से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राहत दिलाने की अपील करते नज़र आए थें.
फिक्स्ड चार्ज की समस्या से राहत न मिलने पर भारतीय किसान यूनियन ने बिजली बिल जमा न करने की चेतावनी दी है. भारतीय किसान यूनियन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र डागर का कहना है कि दिल्ली सरकार से अगर राहत नहीं मिली तो किसान बिजली बिल जमा करना ही बंद कर देंगे. इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन ने दिल्ली सरकार से फिक्स्ड चार्ज से बढ़ने वाले बोझ से राहत के लिए 100 करोड़ रुपये की सब्सिडी की मांग की है.
किसानों की माने तो दिल्ली के किसान साल में 3 महीने ही ट्यूबवेल का इस्तेमाल करते हैं, जबकि 9 महीने ट्यूबवेल का इस्तेमाल नहीं होता है. किसानों का कहना है कि खेत मे लगने वाला ट्यूबवेल 4 से 10 किलोवॉट तक का होता है. जिस कारण हर साल किसानों पर पांच से दस हजार रुपये का बोझ बढ़ गया है. किसानों की चिंता है कि साल में 40 से 50 हजार रुपये ही कमा पाते हैं. इसमे 5 से 10 हजार रुपये यदि बिजली बिल में ही चला जायेगा तो उनके पास क्या बचेगा.
भारतीय किसान यूनियन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र डागर खुद बढ़े हुए फिक्स्ड चार्ज से परेशान हैं. उन्होंने पिछले 3 महीने का बिल दिखाते हुए कहा कि सिर्फ 10 यूनिट का बिल 120 रुपए तक आना चाहिए था लेकिन सरचार्ज बढ़ने के बाद 2 हजार 190 रुपए का बिल आया है. वीरेंद्र डागर ने साल 2017 का बिल दिखाते हुए बताया कि फिक्स्ड चार्ज लागू होने से पहले महीने का बिल 1300 रुपए के आसपास आता था, लेकिन अब बिजली बिल में 1000 रुपए तक ज्यादा चुकाने पड़ रहे हैं.
डागर का कहना है कि दिल्ली देहात में ऐलान किया जाएगा और फिक्स्ड चार्ज के विरोध में किसान बिजली का बिल नहीं भरेंगे. किसान नेता डागर ने कहा, "किसानों ने एसडीएम, मंत्री सभी से मदद मांगी लेकिन कोई हल नहीं निकला. हरियाणा और उत्तरप्रदेश राज्य में ट्यूबवेल के लिए 200 रुपए फिक्स चार्ज देना होता है इसी तरह दिल्ली में चार्ज तय होने चाहिए. हम मांग करते हैं कि दिल्ली में 1200 ट्यूबवेल के लिए मुख्यमंत्री को 100 करोड़ की सब्सिडी देना चाहिए."
हाल ही में आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने द्वारका में एसडीएम दफ़्तर के उदघाटन के दौरान मंच से ही फिक्स्ड चार्ज को लेकर किसानों की समस्या पर मुख्यमंत्री से राहत देने की अपील की थी. गहलोत ने मंच से कहा था कि बिजली के दाम 3 साल में नहीं बढ़े, लेकिन फिक्स चार्ज बढ़ने से किसान को 25 रु की बजाय 100 रु तक देना पड़ रहा है.