
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन शनिवार को लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा. सभी प्रदर्शनकारी किसान सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर डटे हैं. किसान आंदोलन का आगे क्या रुख होगा, इसको लेकर रविवार को सुबह 11 बजे के करीब एक बैठक होगी. उसके बाद ही तय होगा कि किसान बॉर्डर पर डटे रहेंगे या सुरक्षित इलाके में जाएंगे.
वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अगर किसान चाहते हैं कि भारत सरकार उनसे जल्दी बात करे तो उन्हें आंदोलन के लिए निर्धारित जगह पर जाना होगा. जैसे ही किसान सिंधु और टिकरी बॉर्डर से हटेंगे, उसके दूसरे ही दिन भारत सरकार उनसे बातचीत के लिए तैयार रहेगी.
गृह मंत्री के जवाब में किसान नेता जगजीत सिंह और शिवकुमार कक्का ने कहा है कि हम सरकार के साथ बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन शर्त नहीं होनी चाहिए. किसान नेताओं का कहना है कि हमें इस बात का दुख है कि अमित शाह ने कंडीशन लगाई है कि पहले आपको एक जो जगह दी गई है वहां जाना चाहिए. उसके बाद बातचीत होगी. यह ठीक नहीं है.
किसान नेताओं ने कहा कि बातचीत से ही समस्या का समाधान निकलता है. यह हम मानते हैं, लेकिन अमित शाह ने जो भी कहा है उस पर कल बैठक होगी. हम विचार करेंगे कि हमें आगे क्या करना है.
AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने जाना हाल
इससे पहले किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय राजधानी के सबसे बड़े मैदानों में से एक संत निरंकारी ग्राउंड की पेशकश की गयी थी. केजरीवाल सरकार ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा था कि सभी किसान भाई निरंकारी ग्राउंड में इकट्ठा हो जाएं. वहीं से अपनी बात रखें. यहां पर उनके खाने-पीने और रहने संबंधी सभी इंतजाम किए जा रहे हैं. शनिवार रात को AAP विधायक अमानतुल्लाह खान निरंकारी समागम ग्राउंड पहुंचे और यहां पर मौजूद किसानों का हाल चाल लिया.
उन्होंने कहा कि विधायक और कार्यकर्ता यह देखने और सुनिश्चित करने आए हैं कि यहां मौजूद किसानों को खाने या रहने की कोई दिक्कत ना हो. ये लोग जब तक यहां रहेंगे हमलोग उनका पूरा ख्याल रखेंगे.
देखें: आजतक LIVE TV
सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर डटे हैं किसान
हालांकि अभी कई किसान संगठन सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर डटे हैं. वो रविवार सुबह की बैठक के बाद ही तय करेंगे कि उन्हें वहीं रहना है या निरंकारी ग्राउंड रवाना होना है. भारतीय किसान यूनियन कड़िया की जालंधर इकाई के अध्यक्ष बलजीत सिंह महल ने कहा, 'आज हमने एक बैठक की और यह फैसला लिया कि हम यहां (सिंधु बॉर्डर) डटे रहेंगे. कल (रविवार) सुबह एक और बैठक होगी और तब तक हम सिंधु बॉर्डर पर ही रहेंगे.'
सिंधु बॉर्डर पर पहले से मौजूद किसानों के अलावा यहां पर पंजाब और हरियाणा से और किसान भी पहुंच गए हैं, जिससे एकत्र किसानों की संख्या बहुत बढ़ गई है. उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी के सबसे बड़े मैदानों में से एक संत निरंकारी ग्राउंड की तरफ जाने से इनकार कर दिया है.
प्रदर्शनकारी किसानों को उत्तर प्रदेश के किसानों का भी समर्थन मिला, जो शनिवार दोपहर अपने वाहनों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर जमा हुए थे. इससे पहले दिन में संयुक्त पुलिस आयुक्त (उत्तर रेंज) सुरेंद्र सिंह यादव ने सिंधु बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और उसके बाद संवाददाताओं को बताया कि उत्तर दिल्ली के मैदान में करीब 600 से 700 किसान पहुंचे हैं.
किसानों के लिए पर्याप्त इंतजाम
यादव ने बताया कि पुलिस और प्रशासन ने निर्दिष्ट प्रदर्शन स्थल पर किसानों के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि और किसान वहां पहुंचेंगे. शनिवार को सुबह, पंजाब और हरियाणा के प्रदर्शनकारी किसान सिंधु बॉर्डर पर एकत्रित हो गए और आगे की कार्यवाही पर फैसला करने के लिए उन्होंने बैठक की. एक किसान नेता ने बताया कि पंजाब से दिल्ली प्रवेश करने के प्रमुख रास्ते सिंधु बॉर्डर पर किसानों की बैठक में फैसला लिया गया कि वे वहां से नहीं हटेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे.
शुक्रवार को सैकड़ों किसानों ने संत निरंकारी ग्राउंड पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश किया था. भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जे सिंह जेठुके ने कहा, 'हम केंद्र सरकार से आंदोलन के लिए जंतर-मंतर पर जगह देने का आग्रह करते हैं. हम किसी भी कीमत पर बुराड़ी मैदान नहीं जाएंगे.'
टिकरी सीमा पर तो किसान भोजन पकाने के लिए बर्तन समेत रुकने की अन्य व्यवस्था भी साथ लेकर आए हैं. इस बीच, किसानों के आंदोलन के मद्देनजर सिंधु और टिकरी बॉर्डर बंद कर दिए जाने से शनिवार को दिल्ली में कई मार्गों पर यातायात प्रभावित रहा. दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया कि आजादपुर और बाहरी रिंगरोड से सिंधु बार्डर के लिए यातायात की अनुमति नहीं है.