
किसानों ने गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली की सड़कों पर ट्रैक्टर परेड निकाली. ट्रैक्टर परेड के दौरान कई जगह जवान और किसान आमने-सामने आए. कई जगह पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई. पत्थरबाजी हुई तो पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया और आंसू गैस के गोले दागे. ट्रैक्टर सवारों ने रोड पर ही करतब दिखाने शुरू कर दिए और पुलिसकर्मियों की जान पर बन आई.
किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में कुल 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. दिल्ली के नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के करीब 45 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के घायल पुलिसकर्मियों को उपचार के लिए सिविल लाइन अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया है. जबकि, 18 घायल पुलिसकर्मियों को उपचार के लिए लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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घायल पुलिसकर्मियों में से कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है. बताया जाता है कि एलएनजेपी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराए गए 18 पुलिसकर्मियों में से एक की हालत गंभीर है. दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया है कि किसान नेताओं से जिन शर्तों पर सहमति बनी थी, उन सभी शर्तों का उल्लंघन किया गया.
ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में जहां 86 पुलिसकर्मी घायल हुए, वहीं परेड में हुए एक हादसे में एक किसान की भी मौत हुई है. हादसे की वजह तेज रफ्तार को वजह बताया गया है. पुलिस ने कहा है कि किसान तेज रफ्तार से ट्रैक्टर चला रहा था जिसके कारण ट्रैक्टर पलट गया और उसके नीचे दबकर किसान की मौत हो गई.
दिल्ली के डीडीयू मार्ग पर हुए इस हादसे के बाद कुछ किसान वहां धरने पर बैठ गए और इस हादसे के लिए पुलिस पर आरोप लगाया. मृतक का नाम नवनीत सिंह बताया जा रहा है. 30 साल का नवनीत उत्तराखंड का निवासी था. गौरतलब है कि किसानों के ट्रैक्टर निर्धारित रूट की बजाय आईटीओ के रास्ते लाल किले की ओर बढ़ चले थे. किसान लाल किले तक पहुंच गए थे.