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रिवॉर्ड प्वाइंट रिडीम का झांसा, 1 ओटीपी और खाता साफ... एक साल में 25 लाख की कमाई, जानिए मामला

सूर्या उर्फ जेनिफर की नौकरी नहीं रही और वह एक फर्जी कॉल सेंटर में शामिल हो गई. ये कॉल सेंटर लोन के नाम पर पहले भी घोटाले कर चुका था. शामिल होने के चार महीने के भीतर वह 50 प्रतिशत की भागीदार बन गई. वह एसबीआई और एक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड से संबंधित फ़िशिंग लिंक भेजने लगी. एक साल में ही उसने 25 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर ली. 

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

खुद को बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी का अधिकारी बताकर कई लोगों से कथित तौर पर ठगी करने और उन्हें रिवॉर्ड पॉइंट दिलाने का लालच देने के आरोप में पुलिस ने 25 वर्षीय एक महिला को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान द्वारका के सेक्टर 8 निवासी सूर्या उर्फ जेनिफर के रूप में हुई है. पुलिस के मुताबिक, वह 10वीं कक्षा तक पढ़ी है और पहले गुड़गांव में एक कॉल सेंटर में काम करती थी.

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फर्जी कॉल सेंटर में शामिल हुई
पुलिस ने बताया कि वर्ष 2017 में सूर्या उर्फ जेनिफर की नौकरी नहीं रही और वह एक फर्जी कॉल सेंटर में शामिल हो गई. ये कॉल सेंटर लोन के नाम पर पहले भी घोटाले कर चुका था. शामिल होने के चार महीने के भीतर वह 50 प्रतिशत की भागीदार बन गई.

एक साल में 25 लाख रुपये से अधिक की कमाई
जनवरी 2022 में जेनिफर ने ये काम भी छोड़ दिया और स्वतंत्र तौर पर काम करने लगी. वह एसबीआई और एक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड से संबंधित फ़िशिंग लिंक भेजने लगी. एक साल में ही उसने 25 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर ली. मामला तब सामने आया जब पश्चिम विहार निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई.

ठगी के लिए निकाला ये तरीका
शिकायतकर्ता ने लिखा है कि 18 अगस्त, 2022 को उसे एक अज्ञात नंबर से कॉल आया और एक महिला कॉलर ने खुद को एक्सिस बैंक का कार्यकारी बताया. महिला ने शिकायतकर्ता से कहा कि वह एक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड पर कुछ रिवार्ड पॉइंट्स को रेडीम करने में उसकी मदद करेगी. जेनिफर ने कहा कि रिवॉर्ड पॉइंट एक्सपायर होने वाले हैं, इसलिए जल्द से रेडीम करने से फायदा मिल जाएगा. उसने शिकायतकर्ता को एक लिंक भी भेजा. लिंक पर क्लिक करने और डिटेल भरने के बाद शिकायतकर्ता के खाते से 22,341 रुपये कट गए. जब उसने लेन-देन को सत्यापित करने के लिए बैंक को फोन किया तो पता चला कि ये फ्रॉड था.

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सीडीआर से हुआ खुलासा
पुलिस उपायुक्त हरेंद्र के सिंह ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद उन्होंने कथित मोबाइल नंबरों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (सीडीआर) और आईएमईआई निकलवाए. सीडीआर के विश्लेषण पर पुलिस द्वारका के सेक्टर 8 गई और छापेमारी की और महिला को गिरफ्तार कर लिया.

जांच के दौरान, उसने खुलासा किया कि वह अपने द्वारा बनाई गई एक नकली वेबसाइट की लिंक भेजती थी, जिस पर क्रेडिट कार्ड का पूरा डेटा भरना होता था. पुलिस ने कहा कि फर्जी सिम कार्ड, बैंक खाते और ऑनलाइन डोमेन के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच चल रही है, जिस पर फर्जी वेबसाइट बनाई गई थी. पुलिस ने अपराध में इस्तेमाल स्मार्टफोन, कुछ कीपैड फोन और सिम कार्ड भी जब्त किए हैं.

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