मंगलवार को पूर्वी दिल्ली नगर निगम में एंट्री पर बेहद सख्ती बरती जा रही थी. कई पार्षद तो घंटों एंट्री के लिए मशक्कत करते रहे तो वहीं मीडियाकर्मियों को भी बडी मुश्किल से अंदर दाखिला मिल सका. वहीं, गेट पर ही आम आदमी पार्टी के समर्थकों का हंगामा जारी रहा.
दरअसल, बीते दिनों सदन में हुए जमकर हंगामे के बाद पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर ने विपक्ष के 15 पार्षदों को हुए एक सत्र के लिए निलंबित कर दिया था जिसके बाद से यह पार्षद लगातार प्रदर्शन करते रहे. पिछले कई घंटों से ये पार्षद मुख्यालय के अंदर ही धरने पर बैठे रहे.
15 मिनट में स्थगित हो गया सदन
विपक्ष के लगातार हंगामे के बीच पहले तो सदन चलना ही मुश्किल लग रहा था लेकिन बाद में पुलिस व्यवस्था के बाद सदन की कार्यवाही शुरू की गई. हंगामे के डर से सदन केवल 15 मिनट चलकर अगली बैठक तक के लिए स्थगित कर दिया गया. मेयर का कहना है कि सदन की सुरक्षा सर्वोपरि है इसलिए इतनी फोर्स लगी है. सदन की मर्यादा से खिलवाड़ करने वालों के साथ यही सलूक किया जाएगा. इस दौरान नेता सदन ने बजट अभिभाषण में अपनी इस बीच का केवल पहला पन्ना और आख़िरी पन्ना पढ़ा.
पिछले दरवाजे से निकलना पड़ा मेयर और अधिकारियों को
नगर निगम मुख्यालय छावनी में तब्दील होने के बावजूद विपक्ष लगातार हमलावर होता हुआ नजर आया. सदन की कार्यवाही के बाद जैसे ही मेयर वहां से निकलने लगे, विपक्ष के पार्षदों ने उन्हें घेरने की योजना बना ली. हालांकि विपक्ष के हंगामे के डर से मेयर और बीजेपी पार्षदों को पिछले दरवाजे से जाना पड़ा जिस पर प्रदर्शनकारियों ने चुटकी ली. बहरहाल एक बात तो साफ है पहले से ही बेहद आर्थिक कमजोर इस निगम में नेताओं के बीच इस झगड़े से निगम के कामकाज पर बुरा असर पड़ रहा है.